मथुरा। पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी नियन्त्रण न करने के कारण टीएसी कु. शालिनी जादौन, ग्राम विकास अधिकारी राजेश कुमार तथा रिठौरा के लेखपाल को निलम्बित किया गया है। साथ ही पराली जलाने वाले कृषकों के ऊपर 17 हजार 500 रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है।
उप कृषि निदेशक राम कुमार माथुर ने जनपद के किसान भाईयों से अपील की है कि धान की पराली को खेतों में न जलायें बल्कि मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि के लिए पादप अवशेषों को मृदा में मिलावें / सड़ावें। पराली को जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है बल्कि इसका मानव स्वास्थ पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उप कृषि निदेशक ने बताया है कि कुछ किसान भाई इस भ्रम में रहते हैं कि रात में या सुबह 2-3 बजे पराली / फसल अवशेष में आग जलाने पर किसी को पता नहीं चलेगा इस विषय में अवगत कराना है कि पराली / फसल अवशेष जलाने की सूचना उपग्रह द्वारा 24 घण्टे रीयल टाइम फोटो सहित प्रेषित की जाती है, इसलिए कोई सम्भावना नहीं है कि पराली / फसल अवशेष जलाने की घटना को छुपाया जा सके। प्रत्येक घटना के सटीक अक्षान्तर देशान्तर उपग्रह इमेज के द्वारा जिला प्रशासन को कार्यवाही के लिए उसी दिन उपलब्ध करा दिये जाते हैं।
विभिन्न गौशाला संचालकों द्वारा स्वयं के संसाधनों से निराश्रित / बेसहारा गौवंश के चारे हेतु पराली का एकत्रीकरण भी किया जा रहा है। अतः पराली को जलायें नहीं बल्कि अपने क्षेत्र की निकटतम गौशालाओं से सम्पर्क कर पराली का उठान करा दें।