मथुरा। स्वामी गनेशी लाल कौशिक एवं उनके पुत्र स्व. हरी बाबू कौशिक (सुप्रसिद्ध सारंगी वादक) एवं आकाशवाणी मथुरा-वृन्दावन के ब्रज कार्यक्रम में लल्लू की भूमिका में आने वाले) कलाकारों की स्मृति में त्रिदिवसीय संगीत समारोह का समापन आत्मोन्नति देवालय (आकाशनगर) विश्व लक्ष्मी नगर गोवर्धन चौराहा पर हुआ।
आयोजन में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ के साथ-साथ श्री रामचरित मानस के संगीतमय मार्मिक प्रसंगों का पाठ हुआ। सांध्य बेला में दरभंगा से पधारे आनंद कुमार मलिक ने राग विहाग ताल चौताल में ध्रुपद प्रस्तुत किया। आकाशवाणी दिल्ली से पधारे शास्त्रीय गायक नरेश मल्होत्रा ने राग मियां मल्हार में बरसन लागी बदरिया ख्याल गायन प्रस्तुत किया। मल्होत्रा ने जनता की विशेष फरमाइश पर राग रामदासी मल्हार में छाये बदरा कारे प्रस्तुत किया। स्वामी गनेशीलाल कौशिक के नाती और पंडित हरी बाबू कौशिक के सुपुत्र मुकेश कौशिक ने राग बागेश्वरी में सूरदास की रचना वनचर कौन देश से आयो प्रस्तुत किया। मन मोहन, मयूर, कीर्ति ,अनमोल, प्रखर एवं श्रीवत्स कौशिक ने राग पूर्वी में प्रस्तुति दी। गोपाल प्रसाद गोप, दिनेश कौशिक, मृदंगाचार्य मोहन श्याम दीक्षित ने मृदंग वादन प्रस्तुत किया।
यह रहे मौजूद
इस मौके पर हरीश कुमार सुहाना एडवोकेट, जयपाल भारद्वाज, ठाकुर रामबाबू सिंह एडवोकेट, डा. विकास, डा. पंकज पाठक, कुंवर नरेन्द्र सिंह, श्याम सुन्दर उपाध्याय बिट्टू एडवोकेट, डा. ब्रजगोपाल शर्मा एडवोकेट, नंदकिशोर उपमन्यु एडवोकेट, लोकेन्द्र नाथ कौशिक, केपी शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, त्रिलोकी नाथ गर्ग, रत्नेश चतुर्वेदी, रवि उपाध्याय एडवोकेट, डा. सूरज उपाध्याय आदि मौजूद रहे। संयोजक मनोज कौशिक, लावण्य कौशिक ने आभार व्यक्त किया।