प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से देश के निर्माण में जुटने का किया आह्वान
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रदेश के उप मुख्यंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने पांच वर्षों में जिस तरह से प्रगति की है और मैंने जैसा यहां देखा उसको देखकर लगता है कि आने वाले 10 वर्षों में ही यह शिक्षण संस्था 50 वर्षों का लक्ष्य प्राप्त कर लेगी। यह संभव हुआ है यहां के विद्यार्थियों की लगन, शिक्षकों के समर्पण के कारण।
उन्होंने उपाधि हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आप बहुत सौभाग्यशाली हैं जो आपने इस पावन भूमि में विद्याध्ययन कर डिग्री हासिल की। अभी तक आप माता-पिता के सहारे थे, लेकिन अब आप स्वयं क्षमतावान हो चुके हैं। आपको प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को साकार करने के लिए अपनी क्षमताओं को दिखाना है और देश को आगे ले जाना है। असली भारत के निर्माण में आपका बड़ा योगदान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उप्र की पहले क्या स्थिति थी आप सब जानते हैं। बिगड़ी हुई कानून और माफियाराज था। चारों तरफ अवैध कब्जे हो रहे थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगीजी ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के चलते इसको क्षमतावान प्रदेश बना दिया। आज गुंडे, बदमाश और माफिया अपने बिलों में दुबके बैठे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि किसान का बेटा होने के नाते आपकी हर तरह की परेशानियों को जानता हूं इसलिए आप सबसे वादा करता हूं कि आपकी हर परेशानी में मैं आपके साथ हूं। आप मुझसे कभी भी मिल सकते हैं। आज नौकरियां आप सबके लिए हैं, पहले जैसी स्थिति नहीं जब नौकरियां जाति विशेष के लिए ही होती थीं। आप प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लीजिए आपको आपके ज्ञान के अनुरूप परिणाम हासिल होगा। आप कभी घबराएं नहीं हर परिस्थिति में ब्रजेश पाठक, प्रदेश सरकार आपके साथ खड़ी मिलेगी।
समारोह के सम्मानित अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने दीक्षांत समारोह में डिग्री पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए एक शेर से की। उन्होंने कहा कि हमको अपनी मंजिल की ओर अकेला ही चलना पड़ता जब हम हिम्मत के साथ अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हैं तो हमारे साथ तमाम लोग जुड़ जाते हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के कथन का हवाला देते हुए बताया कि मानव जीवन के लिए संस्कारवान शिक्षा कितनी जरूरी है। उन्होंने कहा संस्कृति विवि द्वारा जिस तरह से शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो राष्ट्र का निर्माण करे। शिक्षा संस्कार, तकनीकि और रोजगार से जुड़े। उन्होंने एक किस्से का जिक्र करते हुए कहा कि दीक्षांत होने के साथ गुणवान भी बनें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अभी तक आपने ग्रहण किया है। आपका दायित्व है और मौका है कि अब आप देश के लिए कुछ करें।
समारोह के सम्मानित अतिथि प्रदेश की हायर एजूकेशन काउंसिल के चेयरमैन डा. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि किसी राष्ट्र का निर्माण अचानक नहीं हो जाता। इसका निर्माण चरित्रवान, निष्ठावान लोग करते हैं और इनको चरित्रवान और निष्ठावान शिक्षा बनाती है। जहां लोग परिवार, समाज, संस्थान और देश से लेते कम हैं और देते ज्यादा हैं, वही परिवार, समाज, संस्थान और देश जीवित रहते हैं अन्यथा की स्थिति में बरबाद हो जाते हैं।
दीक्षांत समारोह में उपस्थित संस्कृति ग्रुप के चेयरमैन आरके गुप्ता ने संस्कृति विवि के चेयरमैन सचिन गुप्ता और सभी शिक्षक, कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतने कम समय में विवि ने अनूठे कोर्स शुरू कर जो नाम कमाया है उसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने उपाधियां और पदक जीतने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि मौसम में गर्मी गर्मी नहीं होती गर्मी तो जुनून में होनी चाहिए और यह जुनून संस्कृति विवि के सभी सदस्यों में नजर आता है।
दीक्षांत समारोह का शुभारंभ मुख्यअतिथि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेद्र उपाध्याय, स्टेट हायर एजूकेशन काउंसिल के चेयरमैन डा. गिरीश चंद्र त्रिपाठी, संस्कृति ग्रुप के चेयरमैन आरके गुप्ता, संस्कृति विवि के चेयरमैन सचिन गुप्ता आदि ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। दीक्षांत समारोह में यूपी माइनारिटी कमीशन के अध्यक्ष अशफाक सैफी भी मौजूद थे।
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भारत के उत्कृष्ट उच्च शिक्षा केंद्रों में से एक है संस्कृति विवि
कुलपति ने वार्षिक रिपोर्ट में बताईं अनेक विशेषताएं
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डा. तन्मय गोस्वामी ने विश्विविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ते हुए बताया कि हमारा विवि कुछ ही समय में भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के साथ-साथ एक वर्ष में अधिकतम पेटेंट दाखिल करने वाला 7वां सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बन गया। यह सम्मान हमें किसी और ने नहीं बल्कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने दिया है।
उन्होंने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय की यात्रा 2016 में शुरू हुई जो इसे एक बहुत ही युवा विश्वविद्यालय बनाती है। इसके साथ ही हम अपने यहां 70 विभिन्न कार्यक्रमों को अंजाम देने वाले 15 स्कूलों को जिनमें लगभग 6500 से अधिक विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं और आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विवि अपने लक्ष्य “वाक्य जीवन में उत्कृष्टता” के लिए निरंतर इनोवेशन और रिसर्च के क्षेत्र में काम कर रहा है। यही वजह है कि हमारा विवि कुछ ही समय में भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में और एक वर्ष में अधिकतम पेटेंट दाखिल करने वाला 7वां विवि बन गया। नवोन्मेष उपलब्धि पर संस्थानों की अटल रैंकिंग “एआरआईआईए” द्वारा हमें 30वां बैंड परफॉर्मर भी दिया गया। हम शिक्षा, बुनियादी ढांचे, आतिथ्य और पर्यटन, प्रबंधन, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में शीर्ष 5 में रहे हैं और इंडिया टुडे, आउटलुक, इंडिया टुडे एस्पायर और हिंदुस्तान शिक्षा शिखर सम्मान जैसे भारत के कुछ शीर्ष मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा शिक्षा क्षेत्र के विभिन्न विभागों में विवि को सम्मानित किया जा चुका है।
डा. गोस्वामी ने बताया कि एमएसएमई के सहयोग से तीन उत्कृष्टता केंद्र रोबोटिक्स और ऑटोमेशन उत्कृष्टता केंद्र, सीएनसी मशीन उत्कृष्टता केंद्र, पारिस्थितिक खेती में उत्कृष्टता केंद्र संचालित हैं। एमएसएमई ने हमें संस्कृति विश्वविद्यालय में एक उन्नत और अच्छी तरह से सुसज्जित ऊष्मायन केंद्र स्थापित करने में भी मदद की है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है।
कुलपति डा. गोस्वामी ने गर्व के साथ बताया कि इतना ही नहीं विवि के पास आज तीन ‘स्टार्टअप’ सफलतापूर्वक चल रहे हैं और 10 स्टार्टअप उत्तर प्रदेश सरकार के पास स्वीकृति हेतु विचारणीय हैं।
संस्कृति विवि अपने छात्रों को वैश्विक अनुभव प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए विवि नेने 40 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ-साथ 50 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों और औद्योगिक संस्थानों के साथ करार किया है।
उन्होंने कहा कि विवि में संचालित सभी स्कूलों में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा और छात्रों द्वारा लाइव शोध परियोजनाएं इस विश्वविद्यालय की ताकत हैं। पर्यावरण के अनुकूल बांस चक्र, सौर दीया, गोबर लॉग मशीन, इलेक्ट्रिक वाहन, एंटीमिसाइल और निगरानी रोबोट, दो अक्ष रोबोट और सर्विस रोबोट हमारे छात्रों द्वारा पूरी की गई कुछ नवीन परियोजनाएं हैं। कलात्मक मूल्यों को विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय ने उन्नत ध्वनि प्रणाली और प्रकाश सुविधाओं से सुसज्जित 500 सीटों वाला सभागार प्रदान किया है।
डा. गोस्वामी ने बताया कि छात्रों के समग्र स्वास्थ्य के लिए विश्वविद्यालय ने परिसर में एक विश्व स्तरीय खेल स्टेडियम की स्थापना की है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने आसपास के 300 गोद लिए गए गांवों की सेवा के लिए स्वतंत्र रूप से एफएम समुदाय रेडियो(एफएम) का प्रबंधन किया है।
‘जीवन में उत्कृष्टता के लिए’ विश्वविद्यालय के वादे को पूरा करने वाले कृष्ण चेतना केंद्र की स्थापना की है, जिसका उद्घान तत्कालीन शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल द्वारा किया गया। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आयुर्वेद के पंचकर्म और कायाकल्प विज्ञान पर आधारित “संस्कृति वेलनेस सेंटर” शुरू करके ‘कल्याण’ के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है।
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दीक्षांत समारोह में डिग्रियां, पदक पाकर छात्र-छात्राओं के खिल उठे चेहरे
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि उप्र के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, प्रदेश की हायर एजूकेशन काउंसिल के चेयरमैन डा. गिरीश चंद्र त्रिपाठी, संस्कृति विवि के चांसलर सचिन गुप्ता ने स्नातक, स्नातकोत्तर शिक्षा पूरी करने वाले छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान कीं । साथ ही अपनी कक्षाओं में विशेष योग्यता हासिल करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक थे, जबकि सम्मानित अतिथियों के रूप में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और उप्र उच्च शिक्षा समिति के चेयरमैन डा(प्रो) गिरीश चंद्र त्रिपाठी मौजूद थे। डिग्रियां और पदक पाकर विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे।
यह दीक्षांत समारोह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया क्योंकि इसमें सत्र 2020 और 2021 दोनों के विद्यार्थी शामिल हुए। बताते चले की सत्र 2020 का दीक्षांत समारोह कोरोना जनित कठिनाइयों के चलते नहीं हो पाया था। वर्ष 2020 के शिक्षण सत्र में अपने विषय में सर्वोच्च अंक पाने वाले 31 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, द्वितीय स्थान पाने वाले 28 विद्यार्थियों को रजत तथा तीसरा स्थान पाने वाले 25 विद्यार्थियों को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2021 के शिक्षण सत्र में अपने विषय में सर्वोच्च अंक पाने वाले 39 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, द्वितीय स्थान पाने 36 विद्यार्थियों को रजत पदक तथा तीसरा स्थान पाने वाले 28 विद्यार्थियों को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
दीक्षांत समारोह के दौरान सामाजिक कार्यों और शिल्पकारों के लिए किए जा रहे अद्वितीय कार्यों के लिए मानद उपाधि दीपक जैन को प्रदान की गई।