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- उपभोक्ता हित में कोई भी ढिलाई स्वीकार नहीं
- शत प्रतिशत डाउनलोडेबल/ मीटर यूनिट आधारित हो बिलिंग
- बिलिंग सिस्टम की खामियों पर मांगी आख्या
- लापरवाही पर ऊर्जा मंत्री ने जताई नाराजगी
- कमियों को समय से दूर करने के निर्देश
लखनऊ। विद्युत उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल मिले यह हर हाल में सुनिश्चित किया जाना है। यदि किसी भी उपभोक्ता की 3 महीने से ज्यादा की स्टोर रीडिंग हुई तो उसके बिल की वसूली एजेंसी से कराएं। विद्युत विभाग उपभोक्ता के हितों के संरक्षण के लिए है, इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं है। यह निर्देश शुक्रवार को ऊर्जा मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा ने उपभोक्ता सेवाओं की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने लापरवाही पर नाराजगी भी जताई है।
ऊर्जा मंत्री ने बिलिंग एजेंसियों से हुए करार के तहत आवश्यक कार्यों को कराये जाने में निष्क्रियता पर प्रबंधन से अपनी नाराजगी भी जताई। कहा कि शहरी क्षेत्रों में जनवरी 2019 व ग्रामीण क्षेत्रों में जुलाई 2019 तक 97% डाउनलोडेबल बिलिंग की जानी थी। इसके साथ ही उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर, उनके मीटर नंबर और मीटर की जीपीएस लोकेशन भी बिलिंग एजेंसी के माध्यम से एकत्र किये जाने थे। इसके बाद भी इसका अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया गया। उन्होंने इस संबंध में यूपीपीसीएल को आख्या भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने उपभोक्ताओं से भी अपील की कि यदि उनके यहां मीटर रीडर रीडिंग लेने नहीं आ रहा है, मीटर से सम्बन्धित या बिजली से जुड़ी समस्याओं की शिकायत 1912 पर जरूर करें।
उन्होंने निर्देशित किया कि विद्युत कनेशन के लिए झटपट पोर्टल व निवेश मित्र पोर्टल पर आए आवेदनों का निस्तारण हर हाल में तय मानकों के हिसाब से हर हाल में पूरा किया जाए। उपभोक्ताओं की समस्याओं पर अधिकारी प्रो-एक्टिव होकर काम करें। जिससे उनकी उपभोक्ता हितैषी छवि परिलक्षित हो। उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी शिकायत मिलती है कि उपभोक्ता सेवा में किसी भी स्तर पर लापरवाही है तो वहां अविलंब कार्रवाई की जाए। अधिकारी सुधार के लिए उपभोक्ताओं से भी फीडबैक लें।
उन्होंने बिलिंग की दिक्कतों, प्रत्येक जनपद में चिह्नित किये गए हाई लॉस फीडरों का लाइन लॉस कम करने के अभियान की भी समीक्षा की। अपेक्षित सुधार न होने पर यूपीपीसीएल से आख्या भी मांगी है।
उन्होंने सोशल मीडिया और 1912 पर आने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिये। कहा कि ऐसे प्रकरणों में किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। ऊर्जा विभाग की उपभोक्ता देवो भवः नीति पर ही सभी अधिकारियों को चलना है। अधिकारी विभाग के हर अच्छे काम को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने क्षेत्र की जनता को जरूर बताएं।