देश को क्षय रोग मुक्त कराने की दिशा में एक माह बड़ा अभियान, माइक्रोप्लान के अनुसार कार्य
-अलग-अलग क्षेत्रों में टीमें के दस्तक देंगे दस्तक, लोगों को बताएंगे टीबी के बारे में
मथुरा। भारत को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त कराने की दिशा में एक बार फिर से बड़ा जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। इसमें सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा। इसके माध्यम से लोगों को टीबी की जानकारी देते हुए आवश्यक जानकारी लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी।
क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने को लेकर कार्य जारी है। खांसी की आवाज से टीबी पहचान कराने का सर्वे हो चुका है। समय-समय पर क्षय रोग खोज अभियान चलाया जा रहा है। अब इसी क्रम में शासन के निर्देश पर एक बड़ा जागरूकता अभियान चलाने की प्लानिंग क्षय रोग विभाग ने की है। 24 मार्च तक चलाए जाने अभियान को लेकर माइक्रोप्लान तैयार किया गया है। इसी के अनुसार क्षय रोग के अधिकारी एवं कर्मचारी विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों को इसके प्रति जागरूक करेंगे। लोगों को टीबी के बारे में समझाया जाएगा। सीएमओ डॉ.एके वर्मा द्वारा प्रतिदिन अभियान की समीक्षा होगी।
जिला समन्वयक आलोक तिवारी ने बताया कि जनपद में क्षय रोगियों का सही होने का प्रतिशत 80 से अधिक है। मरीजों की लगातार मॉनीटरिंग एवं दवा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अगर किसी भी व्यक्ति के अन्दर टीबी के लक्षण मिलें तो वह बिना शर्म के जांच करा लें। इसके छह तरह के लक्षणों को नजरंदाज न करें। जनजागरूकता में सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा। धर्म गुरूओं के साथ बैठक कर उनके साथ क्षेत्र में लोगों को जागरूक किया जाएगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.संजीव यादव ने बताया कि वर्ष 2025 तक भारत को क्षयरोग मुक्त बनाना है। उसके लिए जनपद में भी विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रचार-प्रसार के साथ-साथ बैठकें होंगी। इस बार की थीम पूर्ण संकल्प संयुक्त प्रयास है।
-अभियान शुरू
डॉक्टर पारुल मित्तल ने बताया शुक्रवार से शुरू हुए अभियान का पहला दिन नि:क्षय दिवस के रूप में मनाया गया। कोसी ,राया, गोवर्धन,फरह,बलदेव आदि स्थानों पर जागरूकता अभियान चला।
सुविधाएं
-नि:शुल्क जांच और उपचार
-अत्याधुनिक जांचो द्वारा एमडीआर टी बी का पता लगाना
-उपचार के दौरान मरीज को पोषण योजना के अंतर्गत रू 500 की धनराशि
-नवीन मरीजों की सूचना देने वाले को रुपए 500 की धनराशि
–टीबी के यह हैं लक्षण
टीबी के छह लक्षण होते हैं। इनमें सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना। खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना। वजन का घटना। बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार होना। रात में बेवजह पसीना इनाम है। भूख कम लगने जैसी समस्या है तो अवश्य ही अपनी जांच करा लें। जांच के उपरान्त समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक होती है।
यह हैं आंकड़े
वर्ष 2022 में टीबी रोगी-आज तक 1791
वर्ष 2021 में टीबी रोगी-13016
वर्ष 2020 में टीबी रोगी- 11358