मथुरा। निजी हॉस्पिटल संचालक को प्रथम दृष्टया दोषी बताने वाले सीएमओ के बयान पर आईएमए नाराज है। बुधवार को आईएमए पदाधिकारियों ने सीएमओ डा. एके वर्मा से मुलाकात की और अपना पक्ष रखा। चिकित्सकों को बताया गया कि जांच रिपोर्ट भेज दी है। इस पर चिकित्सक नाराज हो गए और कहा बिना हमारे बयान लिए कैसे रिपोर्ट बना दी। इसकी सही जांच होनी चाहिए। इधर आईएमए ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए इमरजेंसी बैठक बुलाई है।
बता दें दो दिन पूर्व निजी हॉस्पिटल चिकित्सक पर कार्रवाई को लेकर शिकायत कर्ता ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था। इससे कार्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई थी। उसके बाद सीएमओ ने बयान दिया था कि जल्द कार्रवाई होगी। प्रथम दृष्टया हॉस्पिटल की गलती है। इस पर निजी चिकित्सक आक्रोशित हो गए। बुधवार को फिर से प्राइवेट चिकित्सक कार्यालय पहुंचे और सीएमओ से मुलाकात की।
डीएस हॉस्पिटल संचालक डा. ललित एवं अन्य द्वारा पक्ष रखा गया कि बयान देने के लिए गत दिवस बुलाया गया था, लेकिन किसी ने बयान नहीं लिए। तीन घंटे से अधिक समय तक डाक्टर यहां बैठे रहे थे। बिना बयान लिए एक तरफा रिपोर्ट भेजना गलत है। इसकी सही प्रकार जांच होनी चाहिए। इस प्रकरण को लेकर आईएमए गंभीर है।
आज रात इमरजेंसी बैठक बुलाई
आईएमए ने बुधवार रात इमरजेंसी बैठक कॉल की है। इसमें निर्णय लिया जाएगा कि क्या करना है।
यह रहे मौजूद
बैठक में आईएमए उपाध्यक्ष डा. गौरव भारद्वाज, सचिव डा. प्रवीन गोयल, डा. पवन अग्रवाल, डा. देवेन्द्र अग्रवाल, डा. एसके दीक्षित, डा. मनोज गुप्ता, डा. बीएस गोयल, डा. अंशुल गोयल, डा. मोहित गुप्ता, डा. अंशुल अग्रवाल, डा. शैफाली, डा. हर्षिता सिंघल, डा. रिचा कुंतल, डा. नेहा मित्तल, डा. रिक्की मित्तल, डा. अंकित अग्रवाल आदि मौजूद रहे।