चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार
- अलग-अलग अस्पतालों के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त, जिलाधिकारी लगातार कर रहे पर्यवेक्षण
- चार अस्पतालों ने अपने यहां ऑक्सीजन गैस प्लांट लगाने के लिए उद्योग केंद्र को दिए आवेदन
मथुरा। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कोरोना से जारी लड़ाई में प्रशासनिक अधिकारियों को मोर्चे पर लगा दिया है । कोरोना संक्रमण रोकने एवं कोरोना के उपचाराधीन लोगों की हर संभव मदद के लिए सेक्टर प्रणाली लागू की है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों को अलग-अलग अस्पतालों की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। यह अधिकारी न केवल उपचाराधीन लोगों को अस्पतालों में भर्ती करवाएंगे बल्कि मरीजों और उनके परिजनों की समस्याओं का निवारण भी करेंगे।
मथुरा में जिलाधिकारी द्वारा लागू की गई सेक्टर प्रणाली के तहत क्षेत्रवार सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किये गये हैं।
मथुरा के कोविड -19 अस्पतालों में आक्सीजन की व्यवस्था एसडीएम सुरेन्द्र प्रसाद यादव देखेंगे। केडी मेडिकल कालेज व नयति मल्टी स्पेशलिटी हास्पीटल को एसडीएम संदीप कुमार वर्मा देखेंगे। यह दोनों बड़े कोविड हॉस्पिटल हैं, जहां अधिकांश मरीज सांस की बीमारी से ग्रसित हालत में भर्ती हैं। श्री वर्मा का मो. नं 9818805853 है।
मथुरा-सौंख रोड स्थित केएम मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थायें डिप्टी कलेक्टर अजय कुमार शर्मा देखेंगे।
इनका मो. 9454370344 है।
जिला चिकित्सालय मथुरा की व्यवस्थायें एसडीएम डॉ० सुरेश कुमार देखेंगे। इनका मो. 7017302826 है।
वृंदावन के रामकृष्ण मिशन हॉस्पिटल व जिला संयुक्त चिकित्सालय (सौ शैया अस्पताल) की व्यवस्थायें एसडीएम राम दत्त शर्मा देखेंगे।
इनका मो. 8630199832 है।
जिलाधिकारी ने कहा है कि इन अस्पतालों में कोई यदि आपके मरीज को भर्ती करने से मना करे, बेड खाली न हो, मनमाने पैसे लिए जा रहे हों ,आक्सीजन की कमी हो या इंजेक्शन न मिले तो इन सभी समस्याओं के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट से संपर्क किया जाए।
कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं की जिलाधिकारी रोजाना मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके अलावा सीएमओ से भी रोजाना रिपोर्ट ली जा रही है। ऑक्सीजन की समस्या भी प्रतिदिन सुधरती जा रही है। अब तक चार अस्पतालों ने उद्योग केंद्र को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए आवेदन किए हैं।