ज्ञानवापी सर्वें वीडियोग्राफी सामने आने से अन्य देव स्थलों पर हिंदु अधिकारों को मिलेगा बल – देवकीनंदन महाराज
स्कन्द पुराण में ज्ञानवापी और शिव मंदिर का स्पष्ट उल्लेख
वृन्दावन । सोमवार को ज्ञानवापी मंदिर में भगवान भोलेनाथ के चिंन्ह दुनियाँ के सामने प्रकट होंगे । ज्ञानवापी को मस्जिद बताने वाले तमाम दावे गलत साबित होंगे क्योंकि सर्वें के दौरान की गयी वीडियोग्राफी सार्वजनिक होने पर स्थिति स्पष्ट हो जायेगी । यह कहना है कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज का । उल्लेखनीय है कि काशी जिला न्यायालय के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में किये सर्वें की वीडियोग्राफी 30 मई को सार्वजनिक की जायेगी ।
पूजा स्थल अधिनियम 1991 के विरोध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद रविवार को प्रियाकान्तजू मंदिर पर एक वार्ता में बोलते हुये देवकीनंदन महाराज ने कहा कि हमारे पुराणों में काशी में जलमग्न शिवलिंग और ज्ञानवापी मंदिर का स्पष्ट उल्लेख है । मुगल आक्रान्ताओं ने हमला कर सनातन धर्म के मंदिरों को तोड़ा और अपमानित करते हुये मंदिर की भूमि पर मस्जिदें बनायीं गयीं । उन्होने कहा कि स्कंद पुराण के काशी खण्ड में ज्ञानवापी मंदिर की महिमा और शिव परिवार के विग्रहों का वर्णन है । ज्ञानवापी को ज्ञान का कुआँ बताया गया है जिसमें जलमग्न शिव का भी वर्णन है । इसके बावजूद भी हिंदु समाज पूरी सहिुष्णुता से भारतीय संविधान पर विश्वास करते हुये शांतिपूर्ण तरीके से अपने देवपूजा अधिकार की प्रतीक्षा कर रहा है । देवकीनंदन महाराज ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर ज्ञानवापी में जो सर्वें कराया गया है उसकी वीडियो-फोटो रिर्पोट यह पुख्ता कर देगी कि हमारे देव स्थलों पर जबरन कब्जा कर हमारी आस्था को आहत किया जा रहा है । उन्होने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि ज्ञानवापी का सर्वें मथुरा सहित देश के अन्य देव स्थलों की भूमि पर बनायी गयीं अन्य इमारतों पर हिंदु मतालम्बियों की आपत्तियों को मजबूती प्रदान करेगा ।