श्रीराम मंदिर आंदोलन में साध्वी ऋतंभरा का बड़ा योगदान

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मथुरा।

वात्सल्य ग्राम वृन्दावन में आज दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा षष्ठी पूर्ति महोत्सव का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर सबसे पहले युगपुरुष स्वामी परमानन्द जी महाराज ने दीप प्रज्जवलित कर आयोजन का शुभारम्भ किया।

समारोह में उत्तरखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि -“मैं बड़ा ही सौभाग्यशाली हूँ जो आज मुझे दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा के षष्ठिपूर्ति दिवस पर वात्सल्य ग्राम के इस मंच पर आने का अवसर मिला। आज यहाँ विराजमान संत शक्तियों को मैं प्रणाम करता हूँ। रामजन्मभूमि आंदोलन के समय हम दीदी ऋतम्भरा की क्रांतिकारी प्रवचन सुनकर उत्साह से भर जाया करते थे। आज अयोध्या में जिस भव्यता के साथ राम मंदिर आकर ले रहा है, उसके लिए हुए आंदोलन में उनका बड़ा योगदान है। नन्हें नवजातों को उनका वात्सल्य, स्नेह और प्रेम देना उनके करुणामयी स्वरुप का दर्शन कराता है, जो बड़ा ही सुखद है।

राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि -“मैंने १९८८-८९ के दशक में साध्वी ऋतम्भरा के हिन्दू जागरण को देखा था जब श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अंतर्गत उन्होंने देशभर में क्रन्तिकारी सभाओं के माध्यम से हिन्दू समाज को एकजुट किया। मैं विश्व हिन्दू परिषद् की ४ अप्रैल १९९१ को दिल्ली के बोट क्लब पर हुई उस रैली का भी साक्षी हूँ, जिसे साध्वी ऋतम्भरा ने सम्बोधित किया था। इस रैली को 10 लाख हिन्दुओं की विराट जनमेदिनी ने सुना था। सौभाग्य से आज हम जिस भव्य राम मंदिर को अयोध्या में बनते देख रहे हैं, उसमें उनका बड़ा योगदान है। वर्ष 1992 में बाबरी ढांचे का टूटना एक सुखद संयोग था, जिसके बाद धीरे-धीरे देश से गरीबी का ढांचा भी टूटा। आज जब राम मंदिर बन रहा है तब भारत एक विश्वशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। दीदी माँ की षष्ठी पूर्ति भारत की आजादी के अमृतकाल में होना भी एक सुखद संयोग है। आज से पंद्रह वर्ष के बाद जब दीदी का अमृत महोत्सव मनाया जाएगा, मैं विश्वास से कह सकता हूँ कि तब तक भारत पूर्ण रूप से विकसित राष्ट्र बन चुका होगा।

इस अवसर पर साध्वी ऋतम्भरा के गुरु युगपुरुष स्वामी परमानंद महाराज ने कहा कि -“अयोध्या आंदोलन में साध्वी ऋतम्भरा की बहुत बड़ी भूमिका रही। इनका षष्ठी पूर्ति महोत्सव मनाया जा रहा है। हम चाहते हैं कि ये थके ना और आगे हिन्दू समाज के अन्य मंदिरों की मुक्ति के लिए भी ये फिर से अपना वही तेजस्वी रूप धारण करते हुए समाज का नेतृत्व करें।

मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि मुझे श्रीकृष्ण की लीलाभूमि में बड़े सौभाग्य से जनता जनार्दन की सेवा का अवसर मिला है। दीदी माँ का स्नेह मुझे सदैव मिलता रहता है। आज उनके षष्ठी पूर्ति महोत्सव में आकर बहुत ख़ुशी है। भगवन से प्रार्थना है कि वो उन्हें स्वस्थ और दीर्घायु बनाये रखें। .
आयोजन के प्रथम दिवस पर शनिवार को स्वामी गोविंद गिरी देव, स्वामी शांतिस्वरूपानंद जी, स्वामी बालकानंद जी, स्वामी ज्योतिर्मयानन्द जी, स्वामी डॉ राजकमलदास जी, स्वामी विशोकानन्द जी, साध्वी प्राची, साध्वी साक्षी चेतना, साध्वी सिंधु चेतना, स्वामी शाश्वतानंद जी, साध्वी प्राची, विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार, स्वामी सुतीक्षण जी और हरिबोल बाबा सहित अनेक लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्वामी गोविन्द गिरी देव ने दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा का शाल, श्रीफल, पुष्पहारों से स्वागत अभिनंदन करते हुए उन्हें राम मंदिर अयोध्या का मॉडल भेंट किया। दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा के हजारों प्रशंसकों के बीच मंचस्थ सभी वक्ताओं ने सम्बोधित किया।

महोत्सव के प्रथम दिवस पर आयोजन की संयोजिका साध्वी सत्यप्रिया एवं उनके सहयोगी के रूप में साध्वी स्वरुप गिरि, साध्वी समन्विता, साध्वी सुहृदया गिरि, स्वामी सत्यशील, स्वामी सत्यश्रवा, स्वामी सत्यश्रेय, साध्वी सत्यकीर्ति, साध्वी सत्यश्रुति, साध्वी साध्या, साध्वी सत्यनिधि और साध्वी सत्यश्रद्धा का विशेष योगदान रहा।

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