दीनदयाल धाम के सभागार में पंडित दीन दयाल निर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई
भरत लाल गोयल
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मथुरा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी । राजनीतिक क्षेत्र में नए मापदंड स्थापित किए। भारतीय राजनीति के अजातशत्रु बने। ये उद्गार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक गोविंद जी ने व्यक्त किए। वे दीनदयाल धाम में पंडित दीन दयाल के निर्वाण दिवस पर आयोजित श्रद्धांजली सभा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा , पंडित दीनदयाल का दर्शन समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हुए व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने का मंत्र था। भारतीय जनता पार्टी के ध्येय वाक्य ,सबका साथ सबका विकास, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन से लिया है। स्मृति महोत्सव के अध्यक्ष अशोक टैंटीवाल ने कहा कि
समाज में कोई भूखा ना रहे, सिर ढकने के लिए छत मिले , सभी निरोग हों। सबको शिक्षा मिले, यह वर्तमान सरकारों का लक्ष्य उनकी विचारधारा के अनुकूल है। पंडितजी के समष्टि विचारो से विरोधी बौखला उठे थे।
षड्यंत्र कर पंडित जी की 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय स्टेशन पर हत्या कर दी गई। इस मौके पर दीनदयाल धाम में आयोजित कार्यक्रम में पंडित जी की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संचालन पं॰ दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव समिति के महामंत्री डॉ. कमल कौशिक ने किया।
श्रद्धांजलि सभा में जगदीश प्रसाद शुक्ला ,अध्यक्ष अशोक टेंटीवाल ,भगवान स्वरूप दुबे , रोशन लाल ,नवीन मित्तल , स्मारक समिति निदेशक सोनपाल ,राजवीर दीक्षित , संगम लाल कुशवाह ,राजवीर दीक्षित , नरेंद्र पाठक दुबे ,हरिशंकर पाठक, राजेश ,भीकम ,जगमोहन पाठक, बृज मोहन, दिनेश गौड़ ,विजय पाठक , पुरुषोत्तम ,राज दर्शन , कांता प्रसाद ,शिवकुमार ,मनीष गुप्ता ,रीना सिंह,कमलेश ,सीताराम, चेयरमैन आरडी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट निरंजन सिंह सोलंकी ,मही पाल,
प्रचार मंत्री कपिल पण्डित , राम पाठक ,रोहित सिकरवार आदि उपस्थित रहे।