मथुरा। वैश्विक महामारी कोरोना की संभावित तीसरी लहर से शिशु एवं बालक – बालिकाओं के बचाव हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मथुरा महानगर द्वारा आयुर्वेदिक औषधि सुवर्णप्राश का सेवन कराया गया।
प्रातः काल 8 बजे से पुष्य नक्षत्र में प्रारम्भ हुए औषधि सेवन शिविर में सैकड़ों बच्चों ने दवा का सेवन किया
छोटे छोटे बच्चों को उनके अभिवावक सुबह से ही लेकर शिविर में पहुंचने लगे, कोरोना की संभावित तीसरी लहर से अपने पाल्यों के बचाव हेतु नागरिकों में भारी जागरूकता दिखाई दी दवा के सम्बंध में जानकारी देते हुए संघ के सह संपर्क प्रमुख कैलाश ने बताया कि बच्चों में स्वर्णप्राशन संस्कार हमारी प्राचीन परंपरा का अंग रहा है जिसमे शिशुओं को स्वर्ण शलाखा के माध्यम से शहद चटाया जाता था, इस स्वर्णप्राशन संस्कार से बच्चों को सभी प्रकार के हानिकारक वायरस एवं बैक्टीरिया से सुरक्षा मिलती है, यह संस्कार बालकों की मेधा एवं स्मरण शक्ति वर्धक भी है, प्रत्येक माह पुष्य नक्षत्र में सूर्योदय की दिशा की ओर मुख करके मंत्रोच्चारण के साथ इस दवा के सेवन करने से ही लाभ मिलता है, इस दवा का सेवन शिशुओं में चोरों की संभावित तीसरी लहर से बचाव सिद्ध होगा। संघ के महानगर कार्यवाह शिवकुमार एवं सह महानगर कार्यवाह विजय बंटा सर्राफ ने कार्यक्रम के संदर्भ में बताया कि वैश्विक महामारी की संभावित तीसरी लहर से बचाव हेतु संघ ने जान जागरूकता हेतु यह शिविर आयोजित किया है जिससे कि समस्त नागरिकों को आयुर्वेद के माध्यम से बच्चों में वायरस से बचाव की जानकारी मिल सके। इस दवा का सेवन कम से कम शिशुओं में 6 बार कराना चाहिए, आगामी दिनों में महामारी को देखते हुए संघ अपने सेवा कार्यों को और विस्तार देगा।
शिविर का शुभारम्भ माँ भारती के चित्र पर विभाग संघचालक द्वारा माल्यार्पण एवं विधायक कारिंदा सिंह द्वारा दीपार्चन से हुआ। शिविर में वैद्य धर्मपाल ने बच्चों को दवा पिलाई। शिविर का समापन कल्याण मंत्र से हुआ।
शिविर की व्यवस्थाओं में डॉ संजय, विभाग संघचालक वीरेंद्र, जीतेन्द्र, सौरभ पुरबंसी, जगदीश महानगर प्रचारक मयंक, अनन्त, गोविंदबिहारी, प्रेमचंद, ब्रजमोहन, ओमवीर, गिरधारी, प्रमोद, रामजीलाल, योगेंद्र आदि उपस्थित थे।