–ऑनलाइन हर्बलधारा आत्मनिर्भर संगोष्ठी में शामिल हुए कई शहरों लोग
हाथरस। लोग क्या कहेंगे, मुझसे नहीं होगा,आज मेरा मूड नहीं है, किस्मत खराब है, मुझ पर समय नहीं है आदि आदि तरह के बहाने हमारी जिंदगी की प्रोग्रेस को लॉक करके रख देते हैं। यह सोच हमको बदलनी होगी तभी हम आत्मनिर्भर बन पाएंगे और लोगों को बना पाएंगे।
यह उद्गार इंदौर (मध्य प्रदेश) से वरिष्ठ शिक्षाविद व ट्रेनर राजकुमार यादव ने ऑनलाइन हर्बलधारा आत्मनिर्भर संगोष्ठी में बतौर होस्ट व्यक्त किए। उन्होंने कहा की हम सफलता के स्वप्न तो देखते हैं, लेकिन उसके लिए कार्य नहीं करते। आज के लिए कुछ ना कुछ बहाने हमारे पास होते हैं। जहां बहाने होते हैं वहां सफलता नजर नहींआती। आत्मनिर्भर बनने, घर में खुशियां लाने, लोगों को सफल बनाने आदि के लिए वाहनों को साइड करना होगा। साथ ही स्वयं समय का मूल्य समझते हुए एक-एक मिनट का सदुपयोग किया जाता है, तभी जा करके हमें सफलता मिलती है। इस पूरी दुनिया में हम कोई भी अच्छा कार्य करने जाएं तो अनेकों नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति हमारी उस सफलता के मार्ग में व्यवधान पैदा करते हैं, लेकिन सफल वह लोग ही होते हैं जो नकारात्मक सोच साइड करते हुए लगातार छोटे-छोटे लक्ष्यों को साध कर अपने उद्देश्य को प्राप्त करते हैं। जहां पर सीखने की चाह होती है, वहीं पर सफलता की राह होती है। हम सफलता तो चाहते हैं, लेकिन जिस क्षेत्र में हम सफलता चाहते हैं उसकी शिक्षा को हम सीखने का प्रयास नहीं करते। जबकि सफलता के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण हथियार है। शिक्षा हमेशा अनुशासनात्मक रास्ते पर चलते हुए ही प्राप्त की जा सकती है। किसी से कोई भी नई चीज सीखना अर्थात शिक्षा प्राप्त करने के लिए हमें पहले उसको आदर देना पड़ेगा। अनुशासनात्मक जीवन को धारण करना पड़ेगा। साथ ही एक बहुत ही सरल, सौम्य व्यवहार अपने चलन में लाना पड़ेगा। ऐसा करने से निश्चित तौर पर हम जिससे सीखना चाहते हैं वह हमें चाह के साथ सिखाएगा और सफलता की राह दिखाएगा। उन्होंने बताया की आने वाला समय कर्म पर डिपेंड करता है, ना कि भाग्य पर। जो कर्म करेगा उसका अच्छा भाग्य बनेगा और वह सफलता की राह पर चल पायेगा। सफलता पाने के लिए किसी ना किसी को एक अच्छे प्लेटफार्म की जरूरत होती है। वह प्लेटफार्म आज हमारे पास बतौर हर्बलधारा के रूप में मौजूद है। इस सिस्टम में हर वह व्यक्ति सफल हो सकता है जो मेहनतकश है और पैसे के अभाव में कोई भी आत्मनिर्भर क्षेत्र को प्राप्त नहीं कर पा रहा है। खास करके यह ऐसे व्यक्तियों के लिए बनाया गया है जो पैसे के अभाव में अपनी प्रतिभा, मेहनत और सम्मान को दबाते हुए मजबूरन नौकरी करने के लिए मजबूर होते हैं। उन्होंने कहा साथियों यहां काम करने वाले के लिए सबसे प्रथम तो यह होता है कि वह उसका अपना आत्मनिर्भर बिजनेस होता है। इसमें ना कोई रिस्क होता है, ना कोई झंझट होता है। इन टोटल बनाए गए सिस्टम के हिसाब से चलना होता है। जो सिस्टम से चलता है वह निश्चित सफल होता है। उन्होंने खासतौर से युवा और ऐसे व्यक्तियों का आह्वान किया जो स्वयं आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं और देश व समाज को एक नया इतिहास देना चाहते हैं। इस संगोष्ठी में नोएडा से डाॅ. महेश दिखनवार, उमेश कुमार, राहुल कुमार, प्रद्युम्न कुमार, अलीगढ़ से मनोज यादव, शिवकुमार यादव, हाथरस जंक्शन से वरिष्ठ शिक्षाविद देवेश कुमार, सलेमपुर से ठा. रमेश चंद्र, हसायन से इंजीनियर यश वीर शर्मा, लोकेश कुमार, सिकंदराराऊ से दिलनवाज कादरी व हाथरस से संजय दीक्षित एडवोकेट व डाॅ. संजय पाल बघेल आदि लोग शामिल थे।