मथुरा । एक निजी चिकित्सक को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिए गए बयान पर प्राइवेट चिकित्सक भड़क गए। आईएमए का एक प्रतिनिधिमंडल सीएमओ से मिलने पहुंचे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। इस पर डाक्टरों ने नाराजगी जाहिर की है कि सीएमओ ने बिना जांच के उपचार करने वाले निजी चिकित्सक को दोषी बता दिया। इधर निजी चिकित्सकों ने भी सेवाएं बंद कर धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
बता दें गत दिवस निजी हॉस्पिटल चिकित्सक पर कार्रवाई को लेकर शिकायत कर्ता ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था। इससे कार्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई थी। इस दौरान सीएमओ पर दबाव बनाया गया। दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट पूरी करने का आश्वासन दिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सीएमओ द्वारा निजी हॉस्पिटल की प्रथम दृष्टता में लापरवाही बताई। इस पर प्राइवेट चिकित्सकों ने नाराजगी जाहिर की। बिना जांच किए कैसे किसी को दोषी ठहराया जा सकता है। मंगलवार को आईएमए अध्यक्ष डा.संजय गुप्ता, सचिव डा. प्रवीन गोयल सहित अन्य चिकित्सक सुबह 10 बजे बाद सीएमओ से मुलाकात करने कार्यालय पहुंचे। करीब तीन घंटे बैठने के बाद सीएमओ कार्यालय नहीं पहुंचे,जिससे कारण मुलाकात नहीं हो सकी। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डा.अशोक अग्रवाल एवं डा.डीपी गोयल ने कहा कि सीएमओ का बयान ठीक नही है। किस दबाव में उनके द्वारा स्टेटमेंट दिया गया कि हॉस्पिटल चिकित्सक दोषी है हम सभी अपना कार्य छोड़कर आए हैं लेकिन सीएमओ नहीं आए। डीएस हॉस्पिटल में सभी सुविधाएं हैं। बच्चा पैदा होने के बाद मां का दूसरा जन्म होता है। चिकित्सकों ने सही उपचार किया। लापरवाही किसी स्तर पर नहीं बरती गई। डा.ललित एवं डा.मेघा के अनुसार लापरवाही नहीं बरती गई। मरीज को बेहतर सेवाएं दीं और लगातार उस पर नजर रखी। इस मौके पर आईएमए सचिव डा.प्रवीन गोयल,डा.पीके गुप्ता, डा. मोहित गुप्ता, डा.पवन अग्रवाल,डा.बीबी गर्ग ,डा. शोभित,डा. देवेन्द्र,डाक्टर आशीष गोपाल , डा.मनोज सिंह, डा.अनु गोयल,डा. राकेश गुप्ता, डा. रंजीत चौधरी आदि उपस्थित थे।