मथुरा। बिजली के अपव्यय को संवहन उपकरणों में कम करने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में पीएचडी के छात्रों आशीष सचदेवा एवं हरेकृष्णा द्वारा शोध किया गया है। इन छात्रों के शोध पत्र वर्ल्ड साइंटिफिक सिंगापुर के जर्नल ऑफ सर्किट सिस्टम एवं कम्प्यूटर एवं इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूके) के जर्नल इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस एवं सर्किट में प्रकाशित हुए हैं।
यह प्रशंनीय शोध छात्रों ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेषन इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ़ विनय कुमार तोमर के दिशा निर्देशन में किया है। डॉ़ विनय तोमर ने बताया कि इन शोध पत्रों में फीडबैक लूपकटिंग टेक्निक का उपयोग कर नोवल 12 ट्रांजिस्टर एवं 10 ट्रांजिस्टर एसरैम सेल डिजाइन की हैं, जो कि मेमोरी सर्किट की परफार्मेंस को इम्प्रूव करते हुए बिजली अपव्यय (खपत) को कम करती है। इनका उपयोग हाईपरफार्मेंस प्रोसेसर से युक्त कम्प्यूटर, स्मार्ट वॉच एवं मेडीकल इंस्ट्रूमेंट में किया जा सकता है।
विभाग में वीएलएसआइ डिजाइन में इन्टीग्रेटेड सर्किट की डिजाइनिंग करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं युक्त वीएलएसआइ डिजाइन सेन्टर उपलब्ध है। इस वीएलएसआइ डिजाइन सेन्टर में इंटीग्रेटेड सर्किट की डिजाइन हेतु केडेंस वर्चुसो टूल, टेनर टूल, जाइलिंग्स सॉफ्टवेयर एवं एडवांस डिजाइन सिस्टम उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि बीटेक एवं एमटेक के विद्यार्थी भी इन सॉफ्टवेयर को सीख कर आईसी डिजाइन के क्षेत्र में महारत हासिल कर रहे हैं। विष्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्यूनिकेषन विभाग के छात्रों को रोजगार देने के लिए वीवीडीएन, लावा इंटरनेशनल, टू्रचिप सॉल्यूशंस जैसी कंपनियां छात्रों को चयनित करती हैं।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार देवलिया ने कहा कि पीएचडी छात्रों का शोध के प्रति रूझान अत्यंत प्रशंसनीय है।