- पं० दीनदयाल उपाध्याय के 53 वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित
- पं० दीनदयाल जी के विचारों को हमें समझना पड़ेगा- गोविंद
- खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए
फरह। इस मातृभूमि के लिए अपने जीवन का सर्वस्व कैसे दिया जा सकता है। यह पं० दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन से सीखा जा सकता है। पं० दीनदयाल उपाध्याय सिर्फ एक नाम ही नहीं, एक व्यक्ति ही नहीं, बल्कि एक विचार है। उस विचार को पढ़ने और भाषण देने से कुछ नहीं होगा। उस विचार को हमें धीरे-धीरे जीना पड़ेगा और उस विचार को हमें समझना पड़ेगा।
उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मथुरा विभाग प्रचारक गोविंदजी द्वारा भारत माता के अमर सपूत, महान कर्मयोगी एवं एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पं० दीनदयाल उपाध्याय के 53 वें बलिदान दिवस के अवसर पर पं० दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि स्मारक समिति एवं पं० दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव समिति दीनदयालधाम, फरह, मथुरा के तत्वाधान में पं० दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर दीनदयालधाम के सभाकक्ष में आयोजित सार्वजनिक श्रद्धांजलि सभा में व्यक्त किये।
विभाग प्रचारक ने कहा कि भारत का एक-एक चिंतन कैसा चिंतन है यह दीनदयाल जी ने बताया है। पं० दीनदयाल उपाध्याय का समग्र जीवन पढ़ते या सुनते हैं तो हमें ध्यान में आएगा कि यह जीवन हमारा जीवन नहीं है, यह जीवन एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। पं० दीनदयाल उपाध्याय जी ने अपने जीवन को समाज को देकर हम सब को एक प्रेरणा दी है। उन्होंने बताया कि पं० दीनदयाल उपाध्याय का जीवन एक कमल पुष्प की भांति है। पंडित जी के जीवन में परिश्रम की पराकाष्ठा थी। उनका मन निश्चल था।
उन्होंने कहा कि जीवन कैसे जिया जाता है यह सीखना है तो पंडित जी का जीवन और चाणक्य के जीवन से सीखा जा सकता है। नर से नारायण बनना यह दीनदयाल जी का ही विचार था। सुख-दुख की ओर न देखते हुए अपने ध्येय की ओर आगे बढ़ते रहना ही यह दीनदयाल जी का विचार है। विभाग प्रचारक गोविंद जी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पूर्व पं० दीनदयाल उपाध्याय जी के चित्रपट पर विभाग प्रचारक गोविंदजी, विधायक पूरन प्रकाश, विधायक ठा० कारिंदा सिंह, स्मृति महोत्सव समिति अध्यक्ष अशोक टैंटीवाल,स्मारक समिति मंत्री नवीन मित्तल, भीकम चंद दुबे, नरेंद्र पाठक ने संयुक्त रुप से पुष्पांजलि अर्पित कर दीप प्रज्वलित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा में दीनदायलधाम निदेशक सोनपाल, प्रचारक राजीव दीक्षित, रणवीर सिंह, श्यामा श्याम, विभाग संघ चालक वीरेंद्र मिश्रा, विभाग संपर्क प्रमुख मनीष गुप्ता, शिवशंकर शर्मा, हेमंत, भाजपा महामंत्री महिपाल सिंह, हरेंद्र सारस्वत, बृजमोहन गौड़, हरि मोहन पाठक, भद्रपाल, डॉ मालती मिश्रा, कमलेश चौहान, सुरेश तरकर, भगवान सिंह, नवल पहलवान, अशोक दाढ़ी वाले, अनिल सिंघल, बटिया, प्रचार मंत्री मुकेश शर्मा, सतीश पचौरी, रोहित सिकरवार, विद्यालय के छात्र एवं ग्रामवासी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। संचालन महामंत्री डॉ० कमल कौशिक ने किया।
इससे पूर्व प्रातः 10:00 बजे से महर्षि दयानंद चिकित्सालय मथुरा द्वारा सामुदायिक भवन स्मारक स्थल दीनदयाल धाम पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों द्वारा चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के निर्वाण दिवस पर आईओसीएल मथुरा द्वारा दिव्यांगजनों को बैटरी चालित 10 ट्राई साइकिल वितरित की गई। भाषण प्रतियोगिता के अंतर्गत विद्यालय के छात्र चेतन प्रथम, गरिमा द्वितीय एवं युवराज तृतीय स्थान पर रहे। विद्यालय के छात्रों द्वारा ‘मेरे सपनों का भारत’ नाटक का मंचन कर सभी का मन मोह लिया। नाटक में छात्र मोहित कुशवाह, गोपाल पचौरी, ऋतुजा तोमरएवं हेमंत आदि ने प्रतिभाग किया। कक्षा 6 की छात्राओं ने देशभक्ति नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन प्रबला राजपूत ने किया। इस अवसर पर विद्यालय द्वारा खेलकूद प्रतियोगिताएं भी कराई गई। उक्त कार्यक्रम में महोत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक टैंटीवाल, विधायक कारिंदा सिंह, डॉ० कमल कौशिक, नरेंद्र पाठक, हरेंद्र सारस्वत आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।