प्रत्येक नगर में पूजे गए शस्त्र
संघ का स्थापना दिवस भी है विजयादशमी
मथुरा । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मथुरा महानगर के स्वयंसेवकों ने विजयादशमी के उत्सव को बहुत धूमधाम से मनाया। महानगर के सभी 10 नगरों से करीब 950 स्वयंसेवकों ने अलग-अलग ऑनलाइन एप्लीकेशन के माध्यम से कार्यक्रमों में भाग लिया। यूँ तो अपना समाज इस पर्व को अच्छाई पर बुराई की जीत एवं रावण दहन जैसे कारणों से धूमधाम से मनाता ही है, पर संघ के स्वयंसेवक इस दिन अपने अपने शस्त्रों की भी रोली, चावल एवं पुष्प आदि से विधिवत पूजा करते हैं एवं कामना करते हैं कि शास्त्र की रक्षा के लिए कभी शस्त्र की आवश्यकता पड़े तो ये शस्त्र उस दिन काम आये।
चूंकि संघ की स्थापना भी सन 1925 में विजयादशमी के दिन ही हुई थी, अतः यह उत्सव स्वयंसेवकों के लिए और भी महत्त्वपूर्ण बन जाता है।
बौद्धिक कर्ता इस पर्व की महत्त्वता पर प्रकाश डालते हुए बताते हैं कि विजयादशमी केवल अच्छाई पर बुराई की जीत तक ही सीमित नहीं है, यह राम राज्य के आगमन का संकेत है, और राम राज्य केवल राम के राजा बनने से या रावण के सद्गति को प्राप्त होने से ही नहीं आएगा, उसके लिए प्रजा को भी अयोध्यावासी बनना पड़ेगा। समाज को भी अपने मन में अयोध्या को बसाना पड़ेगा। जब सम्पूर्ण समाज स्वयं को अयोध्या वासी मानेगा तो निश्चित ही राम राज्य का स्वप्न साकार हो पायेगा।
उत्सव में कैलाश, कमल कौशिक, हरवीर, प्रमोद, धर्मेंद्र, डॉ संजय , अजय शर्मा, प्रधानाचार्य राजीव गुप्ता, विभाग प्रचारक गोविंद, सत्यनारायण, वेदप्रकाश ने बौद्धिक दिया।