5251 वें श्रीकृष्णोत्सव को भव्य बनाने के लिए तैयारियां तेज

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यमुना के विश्राम घाट पर 5251 दीप जलाकर मनाया जाएगा भगवान का जन्मोत्सव

19 स्थलों पर बनेंगे छोटे मंच, 17 पॉइंट से तीर्थयात्री ले सकेंगे सेल्फी

जन्मोत्सव के कार्यक्रम 25 अगस्त से प्रारंभ होंगे

मुख्य आयोजन पांचजन्य प्रेक्षागृह और जुबली पार्क के ओपन एयर थिएटर पर, प्रस्तुति देने के लिए आएंगे प्रख्यात कलाकार

मथुरा। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने भगवान श्रीकृष्ण के 5251 वें जन्मोत्सव को भव्य व दिव्य रूप से मनाए जाने की तैयारियां तेज कर दी हैं।
श्री कृष्ण जन्मोत्सव की बैठक शनिवार को परिषद सभागार में हुई जिसमें परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री एस बी सिंह ने तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में अवगत कराया गया कि जन्मोत्सव के कार्यक्रम 25 अगस्त से प्रारंभ होंगे। मुख्य आयोजन श्री कृष्ण जन्मस्थान के रंगमंच के अलावा जुबली पार्क स्थित ओपन एयर थिएटर (ओएटी) एवं इसके समीप के नव निर्मित पांचजन्य प्रेक्षागृह में होंगे। वृंदावन स्थित गीता शोध संस्थान परिसर के ओपन एयर थिएटर, रसखान समाधि एवं परासोली के ओपन एयर थिएटर पर भी भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं से जुड़े कार्यक्रमों का मंचन होगा। परिषद द्वारा कई प्रख्यात कलाकार आमंत्रित किये जा रहे हैं।
मथुरा, वृंदावन समेत ब्रज के अन्य स्थानों पर कुल 19 छोटे स्टेज तैयार कराए जाएंगे। इन स्थानों पर कलाकार लगातार मंचन करेंगे। 17 सेल्फी प्वाइंट भी बनाए जाएंगे। मथुरा व वृंदावन के प्रमुख चौराहे व मार्गों पर सजावट व लाइटिंग होगी।
बैठक में तय किया गया कि जन्माष्टमी के दिन 26 अगस्त को यमुना के विश्राम घाट और आसपास के घाटों पर कुल 5251 दीप जलाकर जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मथुरा के विश्राम घाट के अलावे वृंदावन के केसी घाट को आकर्षक रूप से सजाया जाएगा। यहां फसाड लाइटिंग की व्यवस्था होगी। इन घाटों पर कम ध्वनि में तीर्थयात्री श्री कृष्ण के भजन भी सुन सकेंगे।
वृंदावन स्थित गीता शोध संस्थान के सभागार में ललित कला अकादमी के सहयोग से राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर का परंपरागत आयोजन भी होगा, जिसमें विभिन्न स्थानों के चित्रकार भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़े सुंदर चित्र कैनवास पर तैयार करेंगे।
इस बार श्री कृष्ण का 5251 वां जन्मोत्सव है। इसके लोगों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार होगा।
बैठक में उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सतीश चंद्र, परिषद के वित्त अधिकारी श्री विनय सिंह, उत्तर परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ उमेश चंद्र शर्मा, गीता शोध संस्थान के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना, परिषद के सहायक अभियंता आर पी यादव, परिषद की सांस्कृतिक समिति के सदस्य अनूप शर्मा, अनिल चतुर्वेदी, गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, भागवताचार्य पूर्ण प्रकाश कौशिक आदि ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव को भव्यतम बनाने के लिए विभिन्न सुझाव दिए।

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