निजीकरण नीति के विरोध में बिजली कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

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कैंट कार्यालय पर रैली निकाल की सभा, एकता के बल पर करेंगे विफल
-निजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से जनता विरोधी, एकजुट रहने की अपील

मथुरा। विद्युत कर्मचारी सयुंक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बुधवार को को केन्द्र / राज्य सरकारों की निजीकरण की नीति के विरोध एवं अन्य प्रमुख समस्याओं के समाधान हेतु एक दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार किया गया। कैंट कार्यालय पर रैली निकाल एकजुट रहने की अपील की।
सयुंक्त संघर्ष की अध्यक्ष मोहन बाबू आर्य ने में कहा कि सरकार द्वारा विद्युत विभाग की निजीकरण की मंशा को हम अपनी संघर्ष एवं एकता के बल विफल करेंगे।
सभा मे जूनियर इंजीनियर संगठन के जनपद अध्यक्ष इ. प्रमोद कुमार एवं सुनील सिंह ने बताया कि निजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से जनता विरोधी है। निजीकरण के पश्चात गरीब जनता तक बिजली पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।
जूनियर इंजीनियर संगठन के क्षेत्रीय सचिव इंजी अंशुल शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा सरकारी उपक्रम को कॉरपोरेट घरानों को बेचना देश के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अभियंता संघ के जनपद अध्यक्ष इंजी. सचिन द्विवेदी ने कहा कि केंद्रीय कार्यकारिणी का जैसा दिशा निर्देश प्राप्त होगा उसी के अनुसार इस निजीकरण विरोधी आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।
सभा में एसई अजय गर्ग , एक्सईएन सचिन शर्मा ,एक्सईएन राजवीर सिंह ,एसएन अरोड़ा ,एसडीओ वीके सिंह,रमेश सोनी, गजेंद्र सिंह,विजय कुमार , होशियार सिंह, सत्येंद्र सिंह, शैलेंद्र अग्रवाल, रवि मौर्य, कृष्णवीर ,यूनिस,आरके यादव, हेमंत भटनागर आदि उपस्थित थे। सभा की अध्यक्षता सयुंक्त संघर्ष समिति के संयोजक मोहन बाबू आर्य ने की।

मुख्य मांगें
-इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 एवं विद्युत वितरण के निजीकरण हेतु लाए जा रहे स्टैन्डर्ड बिडिंग डोकुमेंट को निरस्त किया जाए। निजीकरण की केन्द्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ व पुडुचेरी व किसी भी प्रान्त में चल रही प्रक्रिया वापस ली जाए।
-ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा का फ्रें चाइजी करार रद्द किया जाए।
-सभी ऊ र्जा निगमों को एकीकृत कर उत्पादन,पारेषण व वितरण को एक साथ रखते हुए केरल के केएसईबी लि व हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लि की तरह उप्र में भी यूपीएसईबी लि गठित किया जाए।

  • सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना वर्ष 2000 से लागू की जाए।
  • नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए, सभी रिक्त पदों विशेषतया क्लास तीन व क्लास चार के सभी रिक्त पद भरे जाएं एवं संविदा/निविदा कर्मचारियों को तेलंगाना की तरह नियमित किया जाए।
    -सभी संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए व सभी संवर्गों को तीन पदोन्नत पदों का समयबद्ध वेतनमान दिया जाए।

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