“विश्व एड्स दिवस”के अवसर पर केआर कालेज में संगोष्ठी, हस्ताक्षर अभियान एवं, एड्स जागरूकता/ जांच शिविर का आयोजन

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मथुरा। बुधवार को किशोरी रमण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मथुरा में एन. एस. एस. एवं एन.सी.सी. के संयुक्त प्रावधान में “विश्व एड्स दिवस”के अवसर पर एक संगोष्ठी, हस्ताक्षर अभियान एवं, एड्स जागरूकता / जांच शिविर का आयोजन किया गया ।
इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मथुरा डॉ. रचना गुप्ता और प्राचार्य डॉ. प्रवीण कुमार अग्रवाल जी ने विद्यार्थियों को एड्स के कारणो एवं उससे सुरक्षा के महत्व से अवगत करवाया।

डा. राजेश कुमार कार्यक्रम अधिकारी के आर कॉलेज ने कहा कि एचआईवी के केवल शरीर में प्रवेश से आपको एड्स नहीं हो जाता आप एचआईवी के साथ बिना किसी लक्षण के या केवल थोड़े बहुत लक्षणों के साथ कई सालों तक जीवन यापन कर सकते है एचआईवी के साथ जीने वाले लोग अगर परामर्श के अनुरूप दवाएं ले तो उन्हें एड्स होने कि सम्भावना बहुत कम होती है किन्तु बिना इलाज के एचआईवी अंततः CD4 कोशिकाओं कि संख्या इतनी कम कर देता है कि प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमज़ोर हो जाती है इन लोगो को अन्य बीमारियो का संक्रमण होने की गहरी संभावना रहेगी।

अखिलेष कुमार दीक्षित, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक ने कहा कि मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे एचआईवी है अधिकांश लोग यह नहीं बता सकते हैं कि वे एचआईवी के संपर्क में आ चुके हैं या उससे प्रभावित हो चुके हैं। एचआईवी के प्रारंभिक सूक्ष्म लक्षण , एचआईवी संपर्क में आने के दो से चार सप्ताह के भीतर दिखाई दे सकते हैं यह लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं बुखार, ग्रंथियों में सूजन, गले में खराश, रात में अधिक पसीना आना, मांसपेशी में दर्द, सर दर्द, अत्यधिक थकान चकत्ते कुछ लोग इन लक्षणों पर ध्यान नहीं देते क्योंकि ये दिखने में साधारण लगते हैं, या उन्हें लगता है कि उन्हें सर्दी या फ्लू है। इन फ़्लू-जैसे लक्षणों के गायब होने के बाद भी, एचआईवी से प्रभावित व्यक्ति किसी भी लक्षण के बिना वर्षों तक जी सकता हैं। यदि आप एचआईवी से प्रभावित हैं तो इसे जानने का एक मात्र तरीका एचआईवी जाँच करवाना ही है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रचना गुप्ता ने कहा कि अभी तक एचआईवी या एड्स के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। हालाँकि सही उपचार और सहयोग से एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति लम्बा और स्वस्थ जीवन जी सकता है। और ऐसा करने के लिए आवश्यक है, कि उचित उपचार लिया जाए और किसी भी संभावित दुष्परिणाम से बचा जा सकता है । एड्स की इन जानकारियों के साथ ही जरूरी हम एड्स के बारे में फैली हुई गलत्फहेमियों से वाकिफ रहें कई लोग समझते हैं कि एड्स पीड़ित व्यक्ति के साथ खाने, पीने, उठने, बैठने से एड्स हो जाता है। जो कि पूरी तरह गलत है। ऐसी भ्रांतियों से बचें। हकीक़त में रोजमर्रा के सामाजिक संपर्कों से एच.आई.वी. नहीं फैलता।

इस अवसर पर डॉ राजेश अग्रवाल, डॉ.अशोक कौशिक एवं लेफ्टिनेंट कपिल कौशिक, श्याम बाबू शुक्ला अध्यक्ष- नेहरू युवा ग्रामीण महिला विकास संस्थान, ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा एड्स- ज्ञान संबंधी पत्रक बंटवाए।

डॉ पंकज शर्मा, डॉ अजय उपाध्याय, डॉ नवीन अग्रवाल एवं, डॉ ममता रानी कौशिक श्री ब्रजभूषण गोस्वामी, और एडेंट के प्रकाश कुमार, जिला क्षय रोग केंद्र मथुरा से अखिलेश दीक्षित, आलोक तिवारी, साजिद बैग, अमित कुमार, विवेक अग्रवाल तथा शिव कुमार ने भी कार्यक्रम में विशेष योगदान दिया।
सपना , विनायक खंडेलवाल, सपना राजपूत, राघवेंद्र, शिवानी, टीकम सिंह आदि ने कार्यक्रम की व्यवस्था सुचारू बनाये रखी।

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