मथुरा। मथुरा में लेखाकारों एवं बाबू,ऑपरेटरों द्वारा मिली भगत से फर्जी चेक लगाकर विद्युत बिलों में करोड़ों का घोटाला किया गया था। इससें 38 बिजली इंजीनियरों एवं कर्मचारियों को चार्ज शीट दी गई थी। चार्ज शीट का जवाब देना कर्मचारियों ने शुरू कर दिया है। इस प्रकरण में पूर्व एक्सईएन एके पांडेय ने कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखा। बताया गया कि उपभोक्ताओं के खाते में चेक की राशि एवं ब्याज की राशि जोड़कर लाखों रुपये का राजस्व वसूला गया। कारपोरेशन को कोई भी वित्तीय छति नहीं हुई। जांच समिति इस बारे में पूरा विवरण लिखकर दिया और मौखिक तौर पर जानकारी दी। जारी आदेश में कहा गया कि कारपोरेशन के आदेशानुसार चेकों का बैंक से प्राप्त करने एवं उनका लेखीयकरण करने हेतु रोकड़िया राजस्व का प्राथमिक दायित्व निर्धारित है। अनियमितता के लिए एक्सईएन के पद पर तैनात अधिकारी का उत्तरदायित्व न्यूनतम है। उक्त एक्सईएन पर लगाया गया आरोप सिद्ध नहीं होता है। इसीलिए अधिशासी अभियंता एके पांडेय को दोष मुक्त करते हुए उनके विरूद्ध प्रचलित प्रकरण को समाप्त किया। यह आदेश उप्र पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेश पंकज कुमार ने पिछले दिनों जारी किए।