सर्दियों में बढ़ रही है त्वचा रोगियों की तादाद

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मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों में सर्वाधिक त्वचा रोग के मरीज से संबंधित पहुंचे, दवाएं दी गईं

मथुरा। मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों में त्वचा रोगियों की संख्या सर्वाधिक रही।
जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की 33 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य मेला लगाया गया। मेले में 1749 लोगों का उपचार किया गया।
जनपद में लॉकडाउन के बाद दूसरी बार ये मेले लगे थे। सर्दी के दौरान इस बार के मेलों में देखा गया कि त्वचा से संबंधित ज्यादा रोगी पहुंचे। इन लोगों की संख्या 384 थी। चिकित्सकों का मानना है कि सर्दी में त्वचा से संबंधित रोग खासकर उंगलियों की गलन आदि की बीमारियां बढ़ जाती हैं। इसी कारण ग्रामीण त्वचा रोग संबंधी इलाज कराने के लिए पहुंचे।
इन मेलों में आयुष्मान भारत के 116 लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए गये। कोविड-19 के 790 लोगों के सैंपल लिए गये। इनमें से 358 एंटीजन जांच हुई। साथ विभिन्न रोग जैसे 63 डायबिटीज, रक्त अल्पता के 35 रोगी पहुंचे। सांस के 149 और पेट की बीमारियों के 212 रोगीां पहुंचे।
मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों की व्यवस्था सीएमओ डॉ रचना गुप्ता ने संभालीं। उन्होंने निरीक्षण कर डाक्टर और कर्मचारियों से रोगों से संबंधित जांचों के संबंध में जानकारी हासिल की और निर्देश दिए।
मथुरा जिले में लगे आरोग्य मेलों में एलोपैथी व आयुष के 88 चिकित्सक जुटाए थे।
इन मेलों में 128 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी। बुजुर्ग व बच्चों की जांच की गई है। इसके अलावा आरोग्य मेले में आने वाले सभी लोगों की कोविड-19 जांच भी की गई। 138 लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए गए है।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा व सूचना अधिकारी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोग्य मेलों में सांस रोगी, उदर रोगी, शुगर, ब्लड प्रेशर आदि बीमारियों के कुल 1243 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उन्हें दवा दी गईं। वैसे मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला में इलाज कराने उमड़ी भीड़ से यह साबित हो रहा कि ग्रामीणों में इन मेलों के प्रति विश्वास तेजी से बढ़ रहा है।

सर्दी में त्वचा रोग बढ़ने की वजह
मथुरा। चिकित्सक डा अशोक कुमार का कहना है कि सर्दियों में त्वचा के कुछ रोग जैसे दाद, खुजली अधिक पसीना आने की जगह पर होते हैं। इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। शरीर के अंगों की सफाई की सबसे अधिक जरूरत है। एक्जिमा, दाद, खुजली हो जाए तो उसका उपचार कराएं। यह रोग बारिश और सर्द मौसम में सबसे ज्यादा होता है।

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