अब रास्ता ही नहीं मंदिरों का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी बताएंगे संकेतक बोर्ड

बृज दर्शन

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद क्यूआर कोड के साथ चार भाषाओं में लगाएगा संकेतक बोर्ड

मथुरा। अब ब्रज दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को हिंदी, अंग्रेजी के साथ गुजराती और बंगाली भाषा में लगे संकेतक बोर्ड रास्ता बताएंगे। तकनीकी रूप से खास डिजाइन में तैयार इन बोर्ड से न केवल मंदिरों की दूरी की जानकारी मिलेगी बल्कि मंदिर के संक्षिप्त एतिहासिक और धार्मिक महत्व के साथ दर्शन का समय भी पता चल सकेगा।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने सम्पूर्ण ब्रज के प्रमुख मार्ग और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर 98 संकेतक बोर्ड लगाए जाने का फैसला किया है। यह बोर्ड पूर्व से शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे संकेतक बोर्ड से अलग होंगे। इन पर चार भाषा हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली और गुजराती में प्रमुख मंदिर की दूरी दर्ज होगी। इसके साथ ही बोर्ड पर क्यूआर कोड भी होगा, जिसे मोबाइल से स्कैन करते ही संबंधित मंदिर का संक्षिप्त विवरण मोबाइल पर आ जाएगा। साथ ही मंदिर की संबंधित स्थान से दूरी, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व और दर्शन के समय का उल्लेख भी होगा। यही नहीं बोर्ड पर मौजूद क्यूआर कोड के स्कैन करने से मोबाइल गूगल लिंक से भी जुड़ जाएगा, जो मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बताएगा। इससे कोई भी वाहन चालक या श्रद्धालु रास्ते को लेकर भ्रमित नहीं होगा। संकेतक बोर्ड के माध्यम से यह सम्पूर्ण जानकारी बोर्ड पर दर्ज मंदिर के बारे में चार भाषाओं में मिलेगी।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया यह पहल फिलहाल 98 स्थानों पर की जा रही है। इसमें रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड , शहर के चौराहा सहित मथुरा को विभिन्न राज्य और दूसरे जनपदों से जोड़ने वाले एंट्री प्वाइंट शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस संकेतक बोर्ड पर मौजूद क्यूआर कोड को स्कैन करते ही लोगों को संबंधित मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी चार भाषाओं में मिलेगी, जो बहुप्रचलित हैं। सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि ब्रज दर्शन के लिए देश भर से लोग आते हैं। इनमें से अधिकांश हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली और गुजराती भाषा का ज्ञान रखते हैं, इसीलिए ये बोर्ड भी उक्त भाषा में ही जानकारी देंगे।
उन्होंने बताया कि जल्द ही उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा तैयार कराए जा रहे उक्त संकेतक बोर्ड प्रमुख स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए सहायक के रूप में नजर आएंगे।
फिलहाल निजी कम्पनी द्वारा तैयार किए गए बोर्ड के प्रारूप में परिवर्तन कराया गया है। इसके लिए कंपनी को चेतावनी भी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक स्थिति में उक्त बोर्ड मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बलदेव, गोवर्धन, बरसाना और नंदगांव में लगाए जाएंगे।

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