गिरिराज पर्वत की तलहटी में निर्माण कार्य स्वीकार नहीं : एनजीटी

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उत्तर प्रदेश सरकार को गिरिराज परिक्रमा की तलहटी में कार्य करने से रोका

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने मांगी थी कार्य करने की अनुमति, न्यायलय ने खारिज की मांग

तलहटी में बनना चाहते है शौचालय

मथुरा। गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए एन जी टी के न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की संस्था राजकीय निर्माण निगम द्वारा दाखिल प्रार्थना पत्र दाखिल प्रार्थना पत्र को जो की गिरिराज परिक्रमा की तलहटी में निर्माण कार्य तथा सौंदर्यकरण करने की मांग के लिए दाखिल किया गया था को माननीय न्यायालय ने स्वीकार करने से मना कर दिया ।

ब्रज तीर्थ विकास परिषद की कार्यकारी संस्था राजकीय निर्माण निगम गिरिराज पर्वत की तलहटी में शौचालय, पीने के पानी के लिए वाटर कियोस्क और अन्य कुछ निर्माण कार्य करने की मांग माननीय एन जी टी के समक्ष प्रस्तुत किए ।
गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान के मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने मैं उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती पिंकी आनंद की दलीलों को दरकिनार करते हुए कहा कि गिरिराज तलहटी रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में आता है जिसके लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस होना अनिवार्य है, नियमों के अनुसार प्रार्थना पत्र दाखिल नहीं किया गया है, तथा न्यायसंगत ना होने के कारण खारिज होने योग्य है ।

याचिकाकर्ता बाबा आनंद गोपाल दास, सत्य प्रकाश मंगल के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार जो जरूरी कार्य है उनको करने में देरी कर रही है, अभी तक सर्विस रोड का कार्य शुरू नहीं किया गया है जिसके कारण आने वाले समय में तीर्थ यात्रियों बेहद मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है, याचिकाकर्ता बाबा आनंद गोपाल दास ने कहा कि कुछ अधिकारी सिर्फ सौंदर्यकरण के नाम पर करोड़ों रुपए बर्बाद कर रहे हैं जिस से गोवर्धन वासियों वा वहां आने वाले करोड़ों भक्तों को कोई लाभ नहीं मिलता, जरूरी कार्य जैसे सर्विस रोड, सीवर, ठोस कचरे के प्रबंधन को लेकर शिथिल रवैया अपनाया हुआ है, भूमाफिया कुंडो पर कब्जा कर रहे हैं जिन पर कोई ठोस करवाई नहीं हो रही है ।

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