-अन्य आरोपियों को भी सात वर्ष का कारावास और अर्थदंड
हाथरस। वादी मुकदमा नवीन कुमार उर्फ अनमोल पुत्र प्रेम सिंह की ओर से एक तहरीर दिनांक 18 जुलाई 2019 को थाना सादाबाद कोतवाली में देते हुए आरोप लगाया कि उसके मौहल्ले में मोहन सिंह उर्फ मोरध्वज पुत्र टीकम सिंह का परिवार रहता था। उसकी माताजी जय देवी के साथ मोहन सिंह की पत्नी चन्द्रवती व चाँदनी अक्सर लड़ाई-झगड़ा करती थी। उनकी उसकी माता जी के साथ बोलचाल भी बन्द थी। इसी बात को लेकर वो उसके परिवार से ईर्ष्या रखते थे। दिनांक 18 जुलाई 2019 को वह और उसकी पत्नी सुनीता देवी अपने बच्चों को साथ लेकर बहन का रिश्ता पक्का करने मथुरा गये थे। मथुरा से वह लोग दोपहर करीब 12 बजे वापस आये थे। शाम को करीब 3 बजे के आस-पास उसका बेटा कुंज उम्र करीब 3 वर्ष जो गली में खेल रहा था, खेलते-खेलते अचानक गायब हो गया। काफी तलाश करने पर भी जब कोई पता नहीं चला तो उसके ताऊ के लड़के राकेश कुमार ने 100 नंबर पर सूचना दी और वह खुद भी बच्चे को तलाश लग गये। बताते हैं बच्चे की निर्मम हत्या से उसकी माँ हालत बिगड़ गई थी और पूरा परिवार दुःखद माहौल में था।
पुलिस ने मामले को दर्ज करते हुए विवेचना कर आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया। प्राथमिक सुनावाई के बाद सत्र परिक्षण को फाइल सेशन न्यायालय भेजी गई। जहाँ अपर जिला शासकीय अधिवक्ता प्रतिभा राजपूत द्वारा सबूत और गवाहान के परीक्षण के आधार पर न्यायाधीश विनीत चौधरी अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 2, हाथरस ने आरोपियों को दोषी पाया। न्यायालय ने अपने निर्णय में अभियुक्ता चाँदनी को भादंसं की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास से व 30,000 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड जमा न किये जाने की दशा में अभियुक्ता दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगेगी। साथ ही धारा 201 के तहत सात वर्ष के कारावास व 10,000 का अर्थदण्ड। न देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगेगी। जबकि अभियुक्तगण मोहन सिंह उर्फ मोरध्वज, चन्द्रवती व नरायन सिंह को अर्न्तगत धारा 201 भादंसं के तहत सात – सात वर्ष के कारावास व 10,000-10,000 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। जिस के जमा न किये जाने पर अभियुक्तगण एक – एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगेगे। पूरे मामले अपर जिला शासकीय अधिवक्ता प्रतिभा राजपूत ने पैरवी की है।