(चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार)
मथुरा। चौधरी चरण सिंह की आज (23 दिसम्बर) को जयंती है। स्व चरण सिंह ब्रह्मलीन संत नीम करोरी बाबा के आशीर्वाद से अचानक प्रधानमंत्री बने थे। यह सब हनुमान जी की कृपा से संभव हो सका था।
सभी जानते हैं कि नीम करोरी बाबा को हनुमान जी के अवतार के रूप में थे। उन पर हनुमान जी की अपार कृपा थी। वर्ष 1962 में नीमकरोरी बाबा हनुमान जी का मंदिर और आश्रम बनाने के लिए अपने घर से निकल पड़े थे। वह नैनीताल के कैंची गांव जा पहुंचे। कैंची पूर्व में संतों की तपोस्थली रही है।
जब बात जमीन लेने की आई तो बाबा ने हनुमान जी पर ही जमीन की व्यवस्था करने का जिम्मा डाल दिया था। इस बीच बाबा को हनुमान जी से स्वप्न में एक आदेश मिला–मंदिर की जमीन के लिए चौधरी चरण सिंह से मिलो। स्व चरण सिंह उस वक्त सुचेता मजूमदार (कृपलानी) के मंत्रिमंडल में वह वन एवं कृषि मंत्री थे। (अंबाला में पढीं सुचेता मूलतः बंगालिन थीं और उस वक्त यूपी में मुख्यमंत्री बनी थीं)
वन विभाग की जमीन देने में आज की तरह उस वक्त भी कुछ कानूनी दिक्कतें थीं, लेकिन तत्कालीन वन मंत्री स्व चरण सिंह को आश्रम के लिए जमीन देने में तनिक भी अड़चन नहीं आई। बाबा ने आश्रम और मंदिर बनाने के लिए जितनी जमीन मांगी थी, उन्हें वन विभाग की उतनी ही जमीन मिल गयी। उसी जमीन में आज कैंची धाम का भव्य आश्रम और मंदिर है। वहां मेला लगता है और लाखों भक्त प्रति वर्ष हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। बाबा का एक आश्रम वृंदावन में परिक्रमा मार्ग में भी है।
कैंची धाम में मंदिर और आश्रम जब बन रहा था तब एक दिन बाबा नीम करोरी से स्व. चरण सिंह की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में बाबा ने कहा -‘चरण सिंह तुम जिस सच्चाई और ईमानदारी से राजनीति कर लोगों की सेवा कर रहे हो, तुम्हें हनुमान जी एक दिन भारत का प्रधानमंत्री बनाएंगे’। स्व चरण सिंह ने उस वक्त बाबा की इस बात को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन इस वाकिए के 16 साल बाद 28 जुलाई 1979 को बाबा की बात सत्य साबित हुई।
बाबा अक्सर अपने भक्तों से कहते थे कि- ‘मैं कुछ नहीं कर रहा, मुझसे तो हनुमान जी जो कहते हैं, वही मैं बोल देता हूं। स्व चरण सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का आशीर्वाद हनुमान जी ने दिया है’।
संयोग देखिए, स्व चरण सिंह हनुमान जी के दर्शन करने मंदिर में नहीं जाते थे। वह अपने घर पर आर्य समाज पद्धति से हवन कराते थे। स्वामी दयानंद सरस्वती के प्रवचन सुनते थे। घर पर प्रसाद बांटते थे।
एक बार वृंदावन में स्वर्गीय चरण सिंह जी की पार्टी का सम्मेलन हुआ। पार्टी के सभी नेता बिहारी जी व अन्य मंदिरों के दर्शन करने गए लेकिन दर्शन करने नहीं गए। वह तो वृंदावन के गुरुकुल की व्यवस्थाओं में जानकारी लेने में ही रुचि लेते रहे।
पिछले दिनों वृंदावन के वरिष्ठ भाजपा नेता राधा कृष्ण पाठक ने स्वर्गीय चरण सिंह के प्रधानमंत्री बनने की यह बात सोशल मीडिया पर पोस्ट की। श्री पाठक के पिता स्व. बनवारी लाल पाठक नीम करोरी बाबा के परम शिष्य रहे थे। बाबा के तमाम शिष्यों को स्वर्गीय चरण सिंह के प्रधानमंत्री बनने की बाबा की घोषणा की जानकारी थी। शिष्य बाबा से जुड़े ऐसे तमाम चमत्कार बताते हैं।