मथुरा के डाक्टर भगवान सिंह का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स एवं इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, ब्रज का नाम किया रोशन

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मथुरा। 75 वर्ष की उम्र में लगातार छह वर्षों तक योग एवं नेचुरोपैथी साइंस के क्षेत्र में शिक्षण,शोध एवं अनुसंधान के उल्लेखनीय एवं अद्वितीय योगदान के लिए डाक्टर भगवान सिंह का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स एवं इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड्स 2024 में दर्ज किया गया है। इस परिवार को बधाई दी जा रही हैं। इससे पूर्व 2018 में डाक्टर भगवान सिंह का नाम हाईली एजुकेटेड एंड ऑनर्ड फैमिली के रूप में दर्ज हो चुका है। उनके परिवार में 13 चिकित्सक होने के कारण उनके नाम पर था उपलब्धि दर्ज हुई थी। अब परिवार में प्रत्येक चिकित्सा पैथी 15 चिकित्सक हैं। गत तीन अक्टूबर को दिल्ली स्थित इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स संस्थान के परिसर में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स एवं इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स के संयुक्त दीक्षांत समारोह के दौरान डॉक्टर भगवान सिंह को इस उपलब्धि के लिए मेडल ,प्रशस्ति पत्र , ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट देकर भारत सहित समस्त एशिया देशों के प्रतिनिधियों ने सम्मानित किया है। इससे ब्र्रज का नाम रोशन हुआ है।


डॉक्टर भगवान सिंह द्वारा 75 वर्ष की उम्र में भी योग एवं नेचुरोपैथी की शिक्षा ,शोध एवं अनुसंधान से योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के “जटिल एवं असाध्य बीमारियों में प्रभाव की प्रमाणिकता “नामक पुस्तक में अपने अनुभवों को प्रमाण सहित प्रकाशित किया है। इसके लिए उन्हें झारखंड सरकार द्वारा योग एवं नेचुरोपैथी में डॉक्टरेट डिग्री से विभूषित किया गया है। साथ ही उनके विभिन्न शोध एवं शोध पत्रों को केंद्रीय आयुष मंत्रालय एवं उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा जनरल ऑफ आयुष रिसर्च एंड एनालिसिस में प्रकाशित किया जाएगा।

प्रदेश में उनका पहला पंजीकरण
डाक्टर भगवान सिंह ने बताया कि उनके अथक प्रयासों के कारण ही उत्तर प्रदेश सरकार के लखनऊ स्थित आयुर्वेद चिकित्सा बोर्ड में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सकों के पंजीकरण शुरू किए। प्रदेश में उनका सर्व प्रथम पंजीकरण हैं।

परिवार में 15 चिकित्सक
डाक्टर भगवान सिंह के परिवार में वर्तमान में 15 चिकित्सक हैं। इनमें ज़्यादातर उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा में सेवारत हैं।

भारत में डाक्टर भगवान सिंह पहले चिकित्सक, जिनके नाम दर्ज हुआ यह रिकार्ड
डाक्टर भगवान सिंह के पुत्र डाक्टर महेश कुमार ने बताया कि यह रिकार्ड एशिया के कई देशों में अद्वितीय है। यूपी ही नहीं बल्कि भारत में यह पहले चिकित्सक हैं जिनके नाम यह रिकार्ड दर्ज किया गया है। एशिया में भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, वेतनाम, जापान, नेपाल आदि देश आते हैं।

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