वृन्दावन कुम्भ मेले में होगी कोरोना टेस्ट की व्यवस्था-मेले के लिए 25 करोड़ रुपये अवमुक्त हुए
-परिक्रमा मार्ग को प्रत्येक दशा में गढ्ढामुक्त किया जाये
-प्रत्येक किये जाने वाले कार्यों का समय निर्धारण किया जाये
-गंगा जल सप्लाई का कार्य 31 जनवरी तक पूर्ण कर लिया जाये
-39 हेक्टेयर के स्थान पर 56 हेक्टेयर में लगेगा वृन्दावन कुंभ
मथुरा/वृन्दावन। मण्डलायुक्त अनिल कुमार ने वृन्दावन स्थित पर्यटन सुविधा केन्द्र पर वृन्दावन कुम्भ के लिए की जा रही तैयारियों के संबंध में बैठक ली। उन्होंने निर्माण किये जाने वाले घाटों, गंगाजल सप्लाई की पाईपलाइनों, प्लाटून पुल का निर्माण, ग्रे वाॅटर का निस्तारण, विद्युत सप्लाई, चिकित्सा, पुलिस, लोक निर्माण, नगर निगम विभाग द्वारा किये कार्यों की जानकारी लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि वृन्दावन कुम्भ मेले के लिए अब तक 25 करोड़ रुपये विभिन्न विभागों को अवमुक्त किये जा चुके हैं, जिसमें अधिकांश विभागों द्वारा अपना कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। बैठक में विभिन्न संस्थाओं से आये साधु संतों ने कुम्भ क्षेत्र की तार बांधकर घेराबन्दी करने, प्रमुख मार्ग एवं चैराहों का नाम प्रख्यात संतों के नाम पर रखने, कुम्भ की जमीन से अवैध कब्जों को हटाने, परिक्रमा एवं कुम्भ मार्गों को ठीक कराने, देवालय की सबारियां निकलने वाले मार्गों को ठीक कराने, यमुना की आरती प्रतिदिन कराये जाने, यमुना में नालों को गिरने से रोकने, विद्युत, शौचालय की व्यवस्था करने, सांस्कृतिक कार्यक्रम कराने आदि मांगों को मण्डलायुक्त के समक्ष रखा।
आयुक्त ने कहा कि कुम्भ मेले में आने वाले अखाड़ों की सूची भेजी जाये तथा यह भी अवगत कराया जाये कि अखाड़े में आने वाले संत किस स्थान से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत संत 05 दिन पूर्व का अपना प्रमाण पत्र भी साथ लायें, जिन संतों का कोविड-19 का टेस्ट नहीं हुआ है उनके टेस्ट की व्यवस्था कुम्भ में ही कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन 09 मन्दिरों से सबारियां निकलेंगी उसका रूटचार्ट उपलब्ध करा दिया जाये, जिससे पुलिस एवं अन्य व्यवस्थाओं को पूर्ण कर लिया जाये।
मण्डलायुक्त लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिये कि भूमि समतल कराकर बैरीकैटिंग करने एवं सड़क निर्माण के कार्यों में तेजी लायी जाये, जिससें समय से कार्य पूर्ण हो सके। उन्होंने जल निगम से गंगाजल आपर्ति करने एवं नगर निगम से उच्चकोटि के शौचालय व्यवस्था करने के निर्देश दिये, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े।
मंडलायुक्त ने कहा कि यह कुम्भ पिछले कुम्भों की अपेक्षा अधिक आकर्षण एवं भव्य रूप से मनाया जायेगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए अलग से व्यवस्था की जायेगी।
बैठक में जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि कुम्भ को अधिक आकर्षण एवं व्यवस्थित बनाये रखने हेतु मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नगेन्द्र प्रताप को नोडल अधिकारी बनाये गये हैं। इसी क्रम में अपर जिलाधिकारी प्रशासन, उप जिलाधिकारी सदर भी मेले से संबंधित कार्यों का संपादन करेंगे। उन्होंने यमुना क्षेत्र में अतिक्रमण होने की शिकायत पर एसडीएम सदर एवं एआरओ को जिम्मेदारी देते हुए कहा कि सभी डूबक्षेत्र में अतिक्रमण पाये जायें, तो तुरन्त उस क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कर दिया जाये। उन्होंने बताया कि गत कुम्भ 29 हेक्टेयर भूमि में लगा था, जबकि वर्तमान कुम्भ 56 हैक्टेयर भूमि में लगाया जा रहा है।
इस अवसर वृन्दावन एवं अन्य अखाड़ों के साधु संत तथा अधिकारीगण नगर आयुक्त रविन्द्र कुमार मांदड़, अपर जिलाधिकारी प्रशासन सतीश कुमार त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बृजेश कुमार, सचिव एमवीडीए ईश्वरचन्द, नगर मजिस्ट्रेट जवाहरलाल श्रीवास्तव, जिला पूर्ति अधिकारी राघवेन्द्र सिंह, लोक निर्माण, सिंचाई, जल निगम सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
मण्डलायुक्त ने कुम्भ क्षेत्र का निरीक्षण कर तैयारियों को देखा
मथुरा। मण्डलायुक्त अनिल कुमार ने बैठक के पश्चात वृन्दावन कुम्भ मेला क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने गंगाजल सप्लाई के लिए डाली जा रही पाइपलाइनों एवं स्नान के लिये बनाये जा रहे पक्के घाट तथा अन्य तीन घाटों को बनाये जाने वाले स्थलों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने केशीघाट जाकर वस्तुस्थिति को देखा तथा वहां की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये।