भव्य और दिव्य होगा भगवान श्रीकृष्ण का 5249 वां जन्म महोत्सव

बृज दर्शन


श्रीहरिकांता’ पोशाक में सारंग शोभा बंगले में दर्शन देंगे ठाकुरजी
रजत-कमल पुष्प में होगा ठाकुरजी का प्राकट्य एवं अभिषेक
स्वर्ण मण्डित रजत कामधेनु स्वरूपा दिव्य गौ प्रतिमा करेंगी ठाकुरजी का प्रथम अभिषेक
गर्भ-गृह एवं श्रीकृष्ण चबूतरा को दिया जायेगा कारागार स्वरूप
नयनाभिराम होगी जन्मस्थान की साज-सज्जा
आयोजन में उपस्थित रहेंगे परम पूज्य महन्त श्रीनृत्यगोपालदास जी महाराज
रात्रि 1:30 बजे तक जन्मस्थान के दर्शन खुले रहेंगे

मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भगवान श्रीकृष्ण का परम पुनीत जन्म-महोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं एवं परंपराओं के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी 19 अगस्त 2022 शुक्रवार को मनाया जायेगा। इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण के 5249 वें जन्म-महोत्सव के अवसर पर जन्मस्थान की साज-सज्जा, ठाकुरजी की पोषाक, श्रंगार नयनाभिराम होंगी। जन्मभूमि के अन्दर एवं परिसर के बाहर से श्रद्धालुगण जिस दिशा से भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के दर्शन करेंगे, वहीं से उनको जन्मभूमि की अद्भुद छटा की अनुभूति होगी। भगवान श्रीकृष्ण की प्राकट्य भूमि एवं कारागार के रूप में प्रसिद्ध गर्भ-गृह एवं सम्पूर्ण श्रीकृष्ण चबूतरा की साज-सज्जा अद्भुत होगी।
इस संबंध में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा-संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि इस वर्ष श्रीगर्भ-गृह के भीतरी भाग को तो कारागार का स्वरूप प्रदान किया ही जायेगा, साथ ही श्रीगर्भ-गृह के बाहरी भाग श्रीकृष्ण-चबूतरा को भी गर्भ-गृह के प्राचीन वास्तु अथवा मूलरूप में बिना कोई परिवर्तन किये हुए कारागार का स्वरूप प्रदान किया जायेगा।
19 अगस्त शुक्रवार को सुबह दिव्य शहनाई एवं नगाड़ों के वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन प्रातः 5:30 बजे से होंगे। तदोपरान्त प्रातः 8:00 बजे भगवान का दिव्य पंचामृत अभिषेक किया जायेगा एवं भगवान के पवित्र स्त्रोतों का पाठ एवं पुष्पार्चन होगा।
प्रातः 10 बजे भव्य पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन पवित्र लीलामंच पर किया जायेगा। ब्रज तीर्थ विकास परिषद के विशेष सहयोग से पुष्पांजलि कार्यक्रम के उपरान्त ब्रज एवं देश के प्रसिद्ध कलाकार अपनी भावांजलि श्रीकृष्ण-जन्मस्थान के पवित्र लीलामंच पर करेंगे।
जन्म महाभिषेक का मुख्य एवं कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन से शुरू होगा। तदोपरान्त 1008 कमल-पुष्प से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन करते हुऐ आव्हान किया जायेगा। रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल-नगाड़े, झांझ-मंजीरे, मृदंग बज उठेंगे। साथ ही हरिबोल के साथ असंख्य भक्तजन-संत नाच उठेंगे। भगवान के जन्म की महाआरती शुरू होगी, जो रात्रि 12:05 बजे तक चलेगी।
तदोपरान्त केसर आदि सुगन्धित द्रव्यों से लिपटे हुए भगवान श्रीकृष्ण के चल विग्रह मोर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे। इसके बाद श्रीठाकुरजी के श्रीविग्रह अभिषेक स्थल पर रजत कमल में विजरामान होंगे। ठाकुरजी का जन्ममहाभिषेक श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान के अध्यक्ष परम पूज्य महन्त श्रीनृत्यगोपालदास जी महाराज के दिव्य सानिध्य में सम्पन्न होगा। लड्डू गोपाल को इस पवित्र दिवस पर वृहद मात्रा में लड्डू एवं मेवा-पाग का भोग लगाया जायेगा। भगवान के भोग के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के स्वादिष्ट लड्डुओं को, कुशल कारीगर एवं भक्तगण रात-दिन भाव और श्रद्धा के साथ बना रहे हैं। भगवान को मुख्यतः मेवे, कूटू, गोंद एवं मिंगी के लड्डुओं का भोग लगाया जायेगा। जन्माष्टमी के दिन श्रृद्धालुओं का प्रवेश गोविन्द नगर द्वार (गेट नं.-3) से होगा एवं निकास मुख्य द्वार (गेट नं.-1) से होगा।

शुक्रवार, 19 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्म महाभिषेक कार्यक्रम (श्रीभागवत भवन मन्दिर)
1- श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना-पूजन आदि रात्रि 11:00 बजे से
2- सहस्त्रार्चन (कमल पुश्प एवं तुलसीदल से) रात्रि 11:55 बजे तक
3- प्राकट्य दर्शन के लिए पट बन्द रात्रि 11:59 बजे
4- प्राकट्य दर्शन/आरती रात्रि 12:00 बजे से 12:05 बजे तक
5- पयोधर महाअभिषेक (कामधेनु) रात्रि 12:05 बजे से 12:20 बजे तक
6- ठाकुरजी का जन्म-महाभिषेक रात्रि 12:20 बजे से 12:40 बजे तक
7- श्रंगार आरती रात्रि 12:40 बजे से 12:50 बजे तक
8- शयन आरती रात्रि 1:25 बजे से 1:30 बजे तक

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