वृंदावन के प्राचीन स्वरूप का अहसास कराएगा कुंभ स्थल

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उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने 56 हेक्टेयर कुंभ क्षेत्र को रमणीक वन स्थल के रूप में विकसित करने की बनाई योजना

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष ने तहसील, नगर निगम और विकास प्राधिकरण अफसरों के साथ किया निरीक्षण

मथुरा। अब वह दिन दूर नहीं जब वृंदावन कुंभ क्षेत्र देश विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को ब्रज के मूल स्वरूप का अहसास कराएगा। यहाँ एक तरफ यमुना का तट है तो दूसरी ओर परिक्रमा मार्ग में राधे कृष्ण का जाप करते साधु सतों की संगत और परिक्रमार्थी की कदमताल रहती है। अब यमुना और परिक्रमा मार्ग के मध्य कदंब, बरगद आदि वृक्षावली 56 हेक्टेयर कुभ क्षेत्र को हरियालीयुक्त खूबसूरती प्रदान करने जा रही है।
यह सभी जानते हैं कि प्रत्येक 12 साल बाद हरिद्वार कुंभ से पूर्व वृंदावन में वैष्णव बैठक होती है। इसमें शामिल होने के लिए देश भर से हजारों साधु संत वृंदावन वास करते हें। दशकों से इस कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक का स्थल यमुना का तट रहा है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के प्रस्ताव पर जिला प्रशासन और मथुरा वृंदावन नगर निगम ने इस वृंदावन कुंभ स्थल को संरक्षित घोषित किया है, जो यमुना और परिक्रमा मार्ग के मध्य 56 हेक्टेयर में स्थित है।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने दो साल पहले इस क्षेत्र में 10 हजार कृष्ण कालीन पौधे लगवाना शुरु किया था,जो अब वृक्ष का रूप लेते जा रहे हैँ। यहाँ कुंभ बैठक के आयोजन को ध्यान रखते हुए ब्लाक लगाए पौधों के साथ अब इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण की योजना पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद् ने काम करना शुरु कर दिया है। देवरहा बाबा घाट से लेकर मोक्षधाम तक ब्लाक बार लगाए गए पौधों के मध्य लैंड स्कैपिंग के साथ चौडे़ रास्ते भी तैयार किए जा रहे है, जिनकी पटरी घासयुक्त बनाई जा रही है। प्राचीन वन के रूप में कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक क्षेत्र को विकसित किए जाने की इस योजना में इन्फिनटी ग्रुप मदद कर रहा है।
दो दिन पूर्व उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने एसडीएम मांट अभिनव जे जैन, डिप्टी सीईओ सतीश चंद्र, पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश कुमार शर्मा, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता प्रशांत गौतम सहित नगर निगम, विकास प्राधिकरण और तहसील अधिकारियों के साथ इन्फिनटी ग्रुप के प्रतिनिधियों ने मौका मुआयना किया था। उन्होंने कुंभ स्थल को वृंदावन के धार्मिक और पोराणिक महत्व के अनुरुप रमणीक वन क्षेत्र बनाने की योजना पर चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।
पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि यहाँ वन के अलावा अस्थाई रूप से टीन शेड भी बनाया जाएगा, जहां भागवत आदि धार्मिक आयोजन किए जा सकेंगे। इनके आलावा सोलर लाइट, जनसुविधा और पेयजल की भी व्यवस्था रहेगी। कुंभ क्षेत्र की तार फेंसिंग मथुरा वृंदावन विकास प्रधिकरण द्वारा कराई जाएगी, जबकि अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है। सोमवार को इसके सर्वें का काम भी होगा है, जिसके लिए टीम गठित की गई है।

कुंभ क्षेत्र में शोभाकार और कृष्णकालीन पौधे
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की योजना के अनुरूप यमुना के किनारे कुंभ मेला क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय और पारंपरिक प्रजातियों के पौधे लगने जा रहे हैँ जिसमें
पीपल, नीम, पाकड़, कदंब, मौलिश्री, अर्जुन, वट, गूलर और पलाश आदि कुंभ शामिल हैँ। यहां पारंपरिक पौधों के साथ अन्य अच्छी प्रजाति के ऐसे पौधे, जो ब्रज के वातावरण में पोषित हो सकें। इसमें तुलसी,खुशबूदार और फुलदार शोभाकार पौधे भी शामिल हैँ।

पर्यटकों के लिए बनेगा रमणीक स्थल
वृंदावन में दर्शन को आने वाले भक्तों के लिए अब तक कोई ऐसा स्थल नहीं था, जहाँ दोपहर में मंदिरों के दर्शन बंद होने के बाद शाम के दर्शन खुलने तक समय गुजारा जा सके। अब ऐसे भक्तों के लिए यह रमणीक वन स्थल बेहतर साबित होगा। जहां दिन का वक्त लता पता और भागवत कथाओं के बीच भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में बीतेगा। साथ ही यमुना के तट स्थित देवराह बाबा घाट पर नियमित शाम की आरती में भी भक्त शामिल हो सकेंगे।

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