वृंदावन में रह रही बंगाल की निराश्रित महिलाओं का हर माह कोविड टेस्ट

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मथुरा। कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुश्री सोनिया वर्मा ने वृंदावन के दो महिला आश्रय सदन लीलाकुंज महिला आश्रय सदन तथा रासबिहारी महिला आश्रय सदन का आनलाइन निरीक्षण किया, जिन्हे गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। इससे पूर्व सुश्री वर्मा सरकार के अधीन संचालित आश्रय सदनों में रह रही विधवा माताओं को कोरोना से बचाने के लिए समीक्षा कर चुकी हैं।
समूचे ब्रज में बंगाल से आने वाली हजारों विधवाओं को कोरोना से बचाने के लिए सरकार और हाईकोर्ट के प्रयास चल रहे हैं। इन सदनों की लगातार समीक्षा की जा रही है। हर विधवा माता के स्वास्थ्य की रिपोर्ट चेक की जा रही है।
सुश्री वर्मा ने निर्देश दिए हैं कि पॉजिटिव पाई गई माताओं को सामान्य माताओं से अलग कक्ष में अथवा अस्पताल में चिकित्सक की सलाहनुसार मास्क के प्रयोग के साथ उचित दूरी पर रखें। उनके स्वास्थ्य व चिकित्सक के परामर्श के अनुरूप भोजन व दवा इत्यादि की व्यवस्था करें। इन दोनों आश्रय सदनों के परिसर, बरामदों व माताओं के कक्षों की साफ सफाई उचित प्रकार से नियमित की जाए।
ऑनलाइन निरीक्षण में अधीक्षिका किरन दुबे ने बताया कि इन दोनों महिला आश्रय सदनों में कुल 121 माताएं पंजीकृत हैं, जिनमें से 46 माताएं अवकाश पर तथा 75 माताएं हैं।
इन दोनों सदनों की माताओं को कोविड-19 के प्रति जागरूक किया गया है। परिसर व सभी कक्षों को समय समय पर नगर निगम अथवा सदनों के कर्मचारियों द्वारा सेनेटाइज किया जाता है। सभी माताओं का प्रतिमाह एक बार कोविड टेस्ट कराया जाता है। जो माता कोविड पॉजिटिव होती है, उन्हें उपचार हेतु तुरंत अस्पताल भेज दिया जाता है। माताओं के अस्पताल से वापस आने पर उन्हें कुछ समय के लिए अन्य माताओं से अलग रखा जाता है। सभी माताओं को मास्क, साबुन, सेनेटाइजर प्राप्त करा दिए गए हैं।
महिला आश्रय सदनों के प्रभारी संतोष मिश्र ने बताया कि महिला कल्याण निगम के निर्देशानुसार उक्त दोनों सदनों की सभी अति वृद्ध, चलने-फिरने व अपना कार्य करने में असमर्थ माताओं को कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन तथा शेष माताओं को चेतन्य बिहार महिला आश्रय सदन में एक सप्ताह के अंदर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

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