-कुछ लोगों को रास नहीं आ रही संस्थान की सेवा
-फर्जी ऑडिओ वीडिओ डालकर रहे हैं दुष्प्रचार, पीड़ित ने खोली पोल
–आलोचकों के षडयंत्रों से हैरत में रामकिशोर अग्रवाल, पर सेवा जारी रखेंगे
मथुरा। कोरोना संक्रमण बीमारी में ब्रजवासियों के लिए कोविड सेंटर केडी हॉस्पीटल ‘संजीवनी बूटी केन्द्र’ बनकर उभरा है, वहीं केडी मेडिकल कॉलेज के संस्थापक चेयरमैन समाजसेवी उद्योगपति रामकिशोर अग्रवाल हनुमान की भूमिका में रहकर ब्रजवासियों की ही नहीं हर क्षेत्र से आने वाले पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं, किंतु कुछ स्वार्थी तत्व एवं ब्लैकमेलरो को यह सुविधा रास नहीं आ रही है और इस ओर उनकी सेवाओं को दरकिनार कर उन्हें बदनाम करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं, जिससे सभी वर्गों के लोगों में ब्लैकमेलरों एवं स्वार्थी तत्वों के प्रति आक्रोष व्याप्त है।
शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्चं सेंटर की उपलब्धियां मथुरा के कुछ स्वार्थी, असमाजिक तत्व व ब्लैकमेलर लोगों को रास नहीं आ रही हैं लिहाजा वे अनर्गल प्रलाप करते हुए जनता को भ्रमित कर रहे हैं। के.डी. हास्पिटल के खिलाफ कूटरचित कोशिशों से ब्रज मण्डल में उच्च शिक्षा के जनक डा. रामकिशोर अग्रवाल खासे व्यथित और दुखी हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब एक वीडिओ अशोक कुमार अग्रवाल पुत्र स्व. हरीशचन्द्र अग्रवाल निवासी नारायणपुरी धौलीप्याऊ का सामने आया। इस वीडीओ के वायरल होते ही अशोक कुमार अग्रवाल खुद एवं उनका भतीजा वैभव अग्रवाल मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि जो ओडीओ या वीडिओ हमारा डाला जा रहा है वह सत्य नहीं है। हमसे कुछ स्वार्थी लोगों ने भावावेष में कुछ कहलवा लिया था, जो असत्य था जिसकी सत्यता हमने जिले के अधिकारियों को एफिडेविट देकर व मुख्यमंत्री पोर्टल पर सत्यता बता दी है। हमसे न तो केडी मेडीकल प्रबंधन ने कोई पैसा मांगा न हमारा कोई विवाद है। हमारे मामले को वेवजह तूल दिया जा रहा है जो ठीक नहीं है। प्रबंधन का कहना है कि इसकी जांच हो, एक वीडिओ में संस्थान पर एक परिवार आरोप लगा रहा है, जिसे लेकर बिजली विभाग के अधिकारी का कहना था कि इस परिवार के सदस्य को हमने ही चेयरमैन साहब से अनुरोध करके भर्ती कराया था, जहां एक भी पैसा नहीं लिया गया, किन्तु उनका निधन होने पर यह परिवार जिस तरह के आरोप लगा रहा है वह सही नहीं है। ऐसे ही अनेक लोग एवं कुछ यूट्यूब वाले फर्जी पत्रकार केडी संस्थान से पैकेज एवं विज्ञापन के स्वार्थ में प्रभाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं। संस्थान प्रबंधन का कहना है कि वह उनकी ब्लैकमेलिंग के प्रभाव में नहीं आएंगे। जांच चाहे जिस स्तर से हो जाए दूध का दूध पानी हो जाएगा। केडी मेडिकल के चेयरमैन रामकिशोर अग्रवाल जी का कहना है कि सरकार से उन्हें कोविड-19 मरीजों के इलाज का एक करोड़ 60 लाख से अधिक पैसा भी अभी तक नहीं मिला है इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन ने जब जब उनसे जो जो यंत्र या उपकरण लगाने की संस्थान में मांग की है वह बजट के अभाव में फिर भी लगा रहे हैं भावना सिर्फ एक के ब्रजवासी इसी तरह सुरक्षित रहें और सेफ रहें पीड़ित मरीजों का हर हालत में इलाज हो उनके पास पर्याप्त बजट ना होने के बाद भी वह किसी तरह यह सेवाएं सुचारू रख पा रहे हैं जिसकी आलोचना नहीं सराहना होनी चाहिए
केडी मेडिकल कालेज की ख्याति से नाराज कुछ तथाकथित लोगों द्वारा सुनियोजित साजिश के तहत कोरोना पॉजेटिव मरीज की मौत होने के बाद उनके परिवार के लोगों को भड़का कर संस्थान को बदनाम करने का कई बार प्रयास किया। संस्थान को बदनाम करने के उद्देश्य से कुछ पीड़ित परिवारों पर साजिशकर्ताओं द्वारा दबाव बनाकर रुपयों के लेने-देने का भी आरोप लगाया गया है।
के.डी. हास्पिटल की जहां तक बात है इस चिकित्सा संस्थान ने अपनी स्थापना के दिन से ही जनता की सेवाभाव को ही अपना ध्येय और उद्देश्य मानते हुए ब्रजवासियों की सेवा की है। इस संस्थान के संस्थापक डा. रामकिशोर अग्रवाल सामाजिक सोच वाले हैं, इन्होंने हर पीड़ित की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हुए उसकी हमेशा मदद की है। ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ देने की खातिर सैकड़ों गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जिनसे हजारों लोग लाभान्वित हुए। इतना ही नहीं के.डी. हास्पिटल ने सैकड़ों संत-महात्माओं का नि:शुल्क उपचार और आपरेशन कर समाज के सामने एक नजीर पेश की है।
केडी मेडिकल कॉलेज एवं ट्रोमा सेंटर में स्थापित कोविड-19 सेंटर पर कोरोना संक्रमण प्रभावित मरीज का उपचार होने के दौरान मौत के बाद उसके शरीर से छेड़छाड़ करने का कोई अधिकृत प्रमाण समाने नहीं आया है। केडी मेडिकल कॉलेज एण्ड ट्रोमा सेंटर में कोविड-19 के अन्तर्गत कोरोना संक्रमण से प्रभावित पॉजेटिव मरीज का अपनी जान पर खेलकर डाक्टर और स्टाफ द्वारा इलाज किया गया। इस दौरान काफी बड़ी संख्या में जनपद और आसपास के राज्यों के सैकड़ों की तादाद में कोरोना पॉजेटिव मरीज स्वस्थ्य होकर केडी मेडिकल कॉलेज की प्रशंसा करते हुए अपने घर रवाना हुए। ब्रज चिकित्सा संस्थान में कार्यरत डा. रविन्द्र कुमार ने केडी मेडिकल कालेज में अपने करोना संक्रमण उपचार के दौरान अच्छा उपचार होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें समय पर दवाई, भोजन एवं आक्सीजन उपलब्ध कराई थी। केडी मेडिकल कॉलेज के डाक्टर एवं स्टाफ के द्वारा भी भर्ती होने वाले मरीजों का उत्साहवर्धन करते हुए उनके स्वास्थ्य में सुधार के लगातार प्रयास किये थे। वह केडी मेडिकल कॉलेज का आभार व्यक्त करते हैं, जिसकी बदौलत वह सही होकर अपने घर सुरक्षित तरीके से पहुंच गए। सैकड़ों की तादाद में कोरोना पॉजेटिव मरीजों के उपचार के दौरान कुछ घटना एवं हादसे ऐसे हुए जो खेद का विषय है। इसके अलावा भी कई ऐसे उदाहरण हैं, जिसमें गंभीर मरीजों को भी केडी मेडिकल कॉलेज में सस्था और सुलभ उपचार देकर उनको पूर्व में ठीक किया है। केडी मेडिकल कॉलेज द्वारा अत्यन्त गंभीर हालत में पहुंचे तमामत मरीजों की जीवन रक्षा का भरपूर प्रयास किया, मगर किन्ही परिस्थितियों के कारण कुछ मरीजों की जान नहीं बच सकी।
संकट के इस दौर में जहां के.डी. हास्पिटल के सेवाभावी कार्यों की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है वहीं कुछ चंद विघ्नसंतोषी लोग सोशल मीडिया के माध्यम से संस्थान की छवि को धूमिल करने का घिनौना कृत्य कर रहे हैं। ऐसे लोग नहीं चाहते कि के.डी. हास्पिटल आगे बढ़े और गरीबों व जरूरतमंद लोगों का सही तरीके से उपचार हो सके।
डा. रामकिशोर अग्रवाल की जहां तक बात है, यह संतपुरुष अंतिम सांस तक ब्रजवासियों की सेवा करना चाहता है, इस वक्त उनका हौसला बढ़ाने की बजाय लोग हौसला तोड़ने का अक्षम्य कार्य कर एक तरह का गुनाह कर रहे हैं। ब्रजवासियों से आग्रह है कि ऐसे षड्यंत्रकारियों से सावधान रहते हुए के.डी. हास्पिटल पर भरोसा रखें। के.डी. हास्पिटल आपके स्वस्थ जीवन के लिए हमेशा तत्पर रहा है और आगे भी रहेगा। फिलहाल समूचा प्रकरण न्यायिक जांच में है। जांज के बाद ही काफी कुछ स्पष्ट हो सकेगा।