लखनऊ/अयोध्या। चुनाव में कुछ उम्मीदवार प्रधान के पद पर जीत हासिल करने के लिए मतदाताओं को रिझाने के लिए जात व मजहब के नाम पर वोट मांग रहे थे तो कई उम्मीदवार पैसा और दारू आदि के जरिए वोटरों को लुभाने के प्रयास के साथ ही जमीन का पट्टा दिलाने, पेंशन बनवाने, आवास मुहैया कराने जैसे वादे कर रहे थे। किन्तु अयोध्या के मवई ब्लॉक की ग्राम पंचायत रजनपुर जहां सिर्फ एक घर मुस्लिम सम्प्रदाय का है बाकी सभी मतदाता हिन्दू सम्प्रदाय से हैं।
प्रधान पद के लिए आठ प्रत्याशी थे चुनाव मैदान में, लेकिन प्रलोभन या जातिपात के हथकण्डे को नकारते हुए कर्मठता तथा ईमानदारी को वहाँ की जनता ने लिया प्रमुखता से
प्रधान पद के लिए आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। उनमें से एक मात्र मुस्लिम हाफिज अजीमुद्दीन खां चुनाव लड़ रहे थे। सभी प्रत्याशी अपनी जीत का दावा कर रहे थे किन्तु गांव की जनता किसी प्रलोभन या जातिपात के हथकण्डे को नकारते हुए प्रत्याशी का व्यवहार, कर्मठता तथा ईमानदारी को पैमाना मानते हुए अजीमुद्दीन खां को अपने ग्राम पंचायत का प्रधान चुनकर गांव में साम्प्रदायिक सौहार्द की एक अनोखी मिसाल कायम की जिसकी पूरे इलाके में ही नही प्रदेश में चर्चा हो रही है।