-सौरव दालमिल परिवार ने किया नन्नूमल गुप्ता (चंचल सुपारी) का सम्मान
-रसोई घर बनने से अब नहीं होगी सर्व समाज के कार्यों में दिक्कत
हाथरस। जो सेवा समाज के कार्य आये उसी को समाज सेवा कहते हैं। धन तो सभी कमाते हैं, लेकिन जिस धन की गति ना हो अर्थात वह धन जो किसी के काम न आये आखार्थ कहते हैं। कलिकाल में जाकर वह कलुषित हो जाता है। सौरव दालमिल परिवार का यह एक सराहनीय कार्य है।
यह उद्गार नगर वरिष्ठजन व समाजसेवी नन्नूमल गुप्ता (चंचल सुपारी) ने यहां आगरा रोड स्थित हनुमान वाटिका में रसोई घर निर्माण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अपने स्वागत संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह एक सराहनीय ही काम है कि सौरव दालमिल परिवार के सौंजर्य से हनुमान वाटिका में रसोई घर का निर्माण हो सका। यहां आयोजित कार्यक्रमों में रसोई घर की कमी के चले पहले दिक्कतें आती थी, लेकिन अब रसोई घर निर्माण से हनुमान वाटिका में जनसेमान्य के होने वाले कार्यक्रमों में सहूलियत रहेगी। इस अवसर पर हुई हनुमान प्रसादी के मौके पर सभी ने प्रभु प्रसादी का भी रसास्वादन लिया।
कार्यक्रम में सौरव दालमिल परिवार के अलावा वार्ष्णेय समाज के अनेकों वरिष्ठजन, किशोर व प्रौढ़ अवस्था तमाम महिला-पुरुष मौजूद थे।