कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक- 2021 के सांस्कृतिक मंच पर खेमचंद्र यदुवंशी की नाट्य टीम ने राजा हरिश्चंद्र का किया मंचन
वृन्दावन। संस्कृति मंत्रालय उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा वृन्दावन में आयोजित कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक- 2021 के सांस्कृतिक मंच पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक आयोजन कराए जा रहे हैं जिसमें राज्यपाल द्वारा अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत डॉ. खेमचन्द यदुवँशी के निर्देशन में उनके कलाकार-दल द्वारा भगत-सांगीत- ‘सत्यवादी महाराजा हरिश्चन्द्र’ की प्रस्तुति अत्यंत मनोहारी स्वरूप में दी गयी।
मन्चन में एक ओर जहाँ नक्कारे की खनक और पेरिस पेटी के मधुर स्वर के साथ कलाकारों की तारसप्तकीय ऊँची टीपदार आवाज में चौबोला,कव्वाली,झूलना व बहर-ए-तबील को सुन झूम उठे वहीं माली-मलिन की नोंकझोंक ने सभी को खूब गुदगुदाया। एक दृश्य में शमशान स्थल पर अयोध्या नरेश महाराज हरिश्चन्द के द्वारा अपनी महारानी तारा से पुत्र रोहिताश्व की लाश की अंत्येष्टि हेतु मरघट का कर माँगने के कारुणिक दृश्य को देख कर दर्शकों के विशाल जन समूह की आँखें छलछला उठीं।
देवराज इन्द्र की प्रमुख में डॉ. खेमचन्द यदुवँशी के साथ साथ सर्वश्री राजेन्द्र नागर (महाराजा हरिश्चन्द), पण्डित विशम्भर दयाल शर्मा (ऋषि विश्वामित्र), गया लाल (भगवान श्रीविष्णु), चौधरी राजवीर सिंह (माली), ऋतुराज यदुवँशी (कुँवर रोहिताश्व), अन्य कलाकारों में कुमारी उमा सिंह, बाँके बिहारी पाण्डेय, बल्देव पाण्डेय (पुरुवासी), श्रीमती जाफरी बेगम (महारानी तारा), सरिता सिंह (मालिन) की भूमिका बेहद सराहनीय रही। श्रीमती ललिता यदुवँशी (रूप सज्जा), प्रद्युम्न यदुवँशी (रँगदीपन),तारा चन्द सौरोठ (मंच प्रबन्धन) के रूप में सहयोग अत्यंत सुदृढ रहा।
संगत-कलाकारों में वासुदेव नागर- हारमोनियम, सीताराम पाण्डेय-ढोलक, बबलू सिंह- नक्कारा की लयताल को मुक्तकंठ से सराहा गया।
इससे पूर्व दल प्रमुख निर्देशक के रूप में मंच पर डॉ. खेमचन्द यदुवँशी को उत्तर प्रदेश संस्कृति मंत्रालय लखनऊ के कार्यक्रम अधिशाषी श्री कमलेश कुमार पाठक व अन्य अधिकारीजनों ने अंगवस्त्र उढ़ाकर सम्मानित करते हुए कहा कि ” बहुत दमदार है ब्रज की भगत-सांगीत विधा, मैं बचपन में घरवालों से छिपकर नौटँकी देखने जाता था और सभी के जागने से पहले आकर चारपाई पर सो जाता था। इस विधा से मेरा आज भी गहरा लगाव है क्योंकि यह विधा अत्यंत मनोहारी है।”
इस अवसर पर डॉ. खेमचन्द यदुवँशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व संस्कृति मंत्रालय को इस विधा को प्रश्रय प्रदान करने हेतु धन्यवाद देते हुए कहा- ” ब्रज की भगत सांगीत विधा आज विलुप्तीकरण के कगार पर है इसे संरक्षित करने के लिये नई पीढ़ी को जोड़ना बेहद जरूरी है, सरकार को इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।” कार्यक्रम का सफल संचालक संस्कार भारती के जिला महासचिव प्रशांत त्रिवेदी द्वारा किया गया।