श्रृद्धांजलि सभा में सनातनियों ने रखे अपने उद्गार
–कहा, ब्रज यात्रा का अनवरत रहना ही होगी मास्टर साहब को सच्ची श्रद्धांजलि
हाथरस। ब्रज की देहरी कहे जाने वाली हाथरस नगरी को अगर कहीं छोटे वृंदावन की संज्ञा मिली है तो इसमें बहुत बड़ा सहयो बैकुंठ बासी कैलाशचंद्र वार्ष्णेय जी जैसे सदगृस्थ संतों का बड़ा सहयोग रहा है।
यह उद्गार सत्संग भवन में विश्व विख्यात भागवत प्रवक्ता बाल व्यास श्री मुरिलका जी ने स्व. कैलाशचंद्र जी वार्ष्णेय की श्रद्धांजलि सभा में व्यक्त किये। साथ ही ब्रज यात्रा को अनवरत जारी रखने का आह्वान भी ब्रजद्वार के भक्तों से किया। मुरिलका जी ताऊजी ने भी स्वर्गीय कैलाश जी की परपाटी को सराहा और इसे जारी रखने का आह्वान भी किया। वरिष्ठ अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुढीर ने अफसोस जताया कि ऐसी महान विभूति के दर्शन नहीं कर सका, गंगाशरण मैदा वालों ने कहा कैलाश जी सनातन धर्म के सच्चे प्रचारक थे, पूर्व डीजीसी प्रेमदत्त गौतम ने बताया कि कैलाश जी धर्म के एक सच्चे समर्थक थे। स्टेनो अशोक अग्रवाल ने कहा कि आज बहुत से लोग ब्रज यात्रा कर रहे हैं तो वह मास्टर साहब की ही देन है। जैन बंधु रोचक व आशीष जी भी ब्रज यात्रा को जारी रखने और मास्टर साहब के पदचिन्हों पर चलने की अपील की। प्रदीप अग्रवाल ने भी अश्रुपूरित भाव से मास्टर साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। जितेन्द्र वार्ष्णेय ने आश्वासन दे विश्वस जताया कि पिताजी ने ब्रज यात्रा का जो क्रम शुरू किया था आप सभी के सहयोग से अनवरत रहेगा। जबकि श्रद्धांजलि सभा को बैंकर्स नेता राकेश वर्मा, दिनेश शर्मा, शरद अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, विकास अग्रवाल, प्रवीण वार्ष्णेय, राना सहाब एडवोकेट, देवेश दीक्षित एडवोकेट, जमुना प्रसाद आदि भी श्रद्धांजलि सभा में श्रद्धा शब्द कहे। जबकि श्रद्धांजलि सभा का संचालन संजय दीक्षित एडवोकेट ने किया था।
इस मौके पर श्रीमती आशा शर्मा, देवू वार्ष्णेय, राघव वार्ष्णेय, श्रीमती अलका शर्मा, राघव अग्रवाल, मनमोहन वार्ष्णेय, दिनेश शर्मा, मोहन बाबू, मुकेश शर्मा, संजय माहेश्वरी, तेजुल बाबू, खजांची लाल, नितिन वार्ष्णेय आदि सैकड़ो की संख्या में सनातन धर्मी उपस्थित थे।