पोक्सो न्यायालय ने मात्र 23 दिन में सुनाया अपना निर्णय
02 जनवरी 2021 की शाम डेढ़ वर्षीय अबोध बच्ची के साथ किया था आरोपी ने किया था गलत काम
ब्रजद्वार हाथरस। अबोध के साथ दुष्कृत्य के मामले पर 2021 में उत्तर-प्रदेश के हाथरस सेशन न्यायालय ने सबसे तेज मात्र 23 दिन में निर्णय देते हुए एक इतिहास रचा है। न्याय के इस इतिहास को रचने में एडीजे प्रतिभा सक्सेना को पैरवी में रात-दिन एक कर देने वाले अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजपाल सिंह दिशवार की भी दाद देनी होगी।
जी हाँ ! जब-जब न्याय और निर्णय की बात आयेगी तो समय को देखते हुए यह निर्णय सराहा जायगा। इतने कम समय में इस न्यायालय का यह इकलौता निर्णय नहीं है। इससे पूर्व भी थाना सासनी क्षेत्र के एक गाँव के मामले में भी मात्र 38 दिन में निर्णय देते हुए आरोपी को सजा सुनाई थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक मामला थाना चंदपा क्षेत्र के गांव भटेला का है। बताते हैं अपनी ससुराल थाना हाथरस गेट से एक विवाहिता अपनी डेढ़ वर्षीय अबोध बच्ची के साथ अपने मायके आई थी। दो जनवरी 2021 को शाम करीब सात बजे गांव भटेला निवासी वीरेंद्र पुत्र प्रेमपाल खिलाने के बहाने ले गया और गलत कार्य कर दिया। जिसकी प्राथमिक शिकायत थाना चंदपा पर दर्ज की गई। पुलिस ने भी तत्काल विवेचना कर आरोप-पत्र न्यायालय में दखिल किया। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजपाल सिंह दिशवार की त्वरित पैरवी के चलते अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम प्रथम) प्रतिभा सक्सेना ने अरोपी को दोषसिद्ध करते हुए आजीवन कारावास (अभियुक्त के शेष प्रकृति जीवन तक) जो धारा 376(2) (च) भा.द.सं. व अपराध शिशु संरक्षक अधिनियम की धारा 5/6 के तहत सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी दिया है।