भरतलाल गोयल
फरह। भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर गुरुवार को फरह स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी सरंक्षण गृह पहुंचे और हाथियों को कलोल करते देखा तो उनका दिल बाग बाग हो गया।
वन्यजीव प्रेमी जे लिंडनर अपनी उत्सुकता मिटाने गुरुवार को वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी संरक्षण केंद्र पहुंचे। वहाँ उन्होंने हाथियों को कहीं बौछारों में नहाते कहीं रेत में कलोल करते देखा तो उनका हृदय अपार खुशी से भर गया। वे हाथियों के साथ यमुना तक बॉक पर गए।
एनजीओ के ‘रिफ्यूज़ टू राइड’ कैंपेन को भी उन्होंने अपना समर्थन दिया।
भारत में जर्मनी के राजदूत, श्री लिएंडर जर्मन राजनयिक के साथ साथ एक संगीतकार भी हैं, जिन्होंने पांच से अधिक रिकॉर्ड लॉन्च किये हैं। पहले केन्या, सेशेल्स, वेनेजुएला, दक्षिण अफ्रीका में जर्मन राजदूत के रूप में काम कर चुके हैं।
एक उत्साही एनिमल लवर होने के नाते, श्री वाल्टर ने हाथियों के साथ सुखद लम्हे व्यतीत किए। सरंक्षण गृह के अधिकारियों ने उनको हाथियों का दुखद अतीत बताया तो उनकी आंखे नम हो गईं। बताया कि उन्हें सभी तरह के दुर्व्यवहार और क्रूरता से मुक्त जीवन जीने का दूसरा मौका मिला है।
वहां के कर्मचारियों और पशु चिकित्सकों से भी उन्होंने बातेँ की।
श्री वाल्टर ने वाइल्डलाइफ एसओएस और उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा 2018 में स्थापित भारत के पहले हाथी अस्पताल का भी दौरा किया। वहाँ उन्होंने कैप्टिव हाथियों में होने वाले गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों को भी जाना। इस मौके पर श्री लिंडनर ने कहा कि हाथियों को वाइल्डलाइफ एसओएस के कर्मचारियों द्वारा देखभाल और प्यार करते हुए देखना वास्तव में मेरे दिल को लुभा गया है।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, कि श्री वाल्टर द्वारा हाथियों के संरक्षण के लिए अपना समर्थन देना वाइल्डलाइफ एसओएस के लिए बड़े सम्मान की बात है। वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा कि हम हाथियों को स्वतंत्रता, अच्छे स्वास्थ्य और एक बहतर जीवन देने की पूरी कोशिश करते हैं।