जीएलए के प्रबंधन संकाय में नवीन अनुसंधान पर जोर

टेक न्यूज़

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (यूजी) द्वारा ‘‘इनोवेटिव रिसर्च मेथड्स इन मैनेजमेंट‘‘ विषय पर छह दिवसीय ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया। प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने अनुसंधान विधियों और प्रबंधन में सांख्यिकीय उपकरणों के उपयोग पर एवं विभिन्न विषयों से संबंधित विशेष चर्चा की। आयोजित कार्यक्रम को नवीन अनुसंधान विधियों में शिक्षाविदों को प्रशिक्षित करने और विकसित करने के लिए डिजाइन किया गया था ताकि युवा शोधकर्ताओं को मार्गदर्शन और प्रेरित करने के लिए कार्य किया जा सके। साथ ही अनुसंधान विधियों और प्रबंधन में सांख्यिकीय उपकरणों के उपयोग पर विभिन्न ऑनलाइन सत्रों में मूल्यवान इनपुट प्रदान किए गए।
ओपी जिंदल संस्थान के डॉ. आदिल खान ने ‘‘रिसर्च एंड एथिक्स की बेसिक अंडरस्टेंडिंग‘‘ पर सत्र को संबोधित करते हुए नवीनता के साथ शोध पत्र लिखने पर ध्यान केंद्रित किया और साहित्यिक मुद्दों को संबोधित किया। उन्होंने गुणवत्ता शोध पत्र लिखने के लिए प्रतिभागियों के साथ सुझाव भी साझा किए और उन्हें एक व्यवस्थित साहित्य समीक्षा करने के बारे में अवगत कराया।
एनआईटी श्रीनगर के डॉ. आरिफ अनवर ने सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन में अनुभवजन्य अनुसंधान के संचालन के लिए एसपीएसएस के उपयोग पर डेटा विश्लेषण पर विचार प्रकट किए। उन्होंने डेटा के प्रकार और फिर इस उपयोगकर्ता के अनुकूल सॉफ्टवेयर की मूल बातों के बारे में जानकारी दी।
एएमयू अलीगढ़ के डॉ. आसिफ अख्तर ने संकाय सदस्यों और अनुसंधान विद्धानों का उच्च गुणवत्ता पत्रिकाओं में प्रकाशन हेतु ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आजकल स्कोपस इंडेक्सड जर्नल्स में प्रकाशन संकाय सदस्यों की कॅरियर उन्नति के साथ-साथ उच्च शिक्षा में संस्थान की रैंकिंग के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में विभिन्न संकाय सदस्यों और अनुसंधान विद्धानों की भागीदारी देखी गई। सभी सत्र अत्यधिक जानकारीपूर्ण और रोचक थे।
जीएलए मैनेजमेंट विभाग की एसोसिएट विभागाध्यक्ष प्रो. अरुणा धमीजा ने पीएलएस के माध्यम से डेटा विश्लेषण पर पीएलएस सॉफ्टवेयर के व्यावहारिक अनुप्रयोग से परिचित कराया। साथ ही उन्होंने एसईएम के उद्देश्य और इस उपकरण के चरणों के बारे में व्यापक जानकारी विस्तार से प्रदान की।
जीएलए मैनेजमेंट विभाग के डॉ. वसीम खान ने षोध में लागू की जाने वाली विभिन्न प्रकार की शोध विधियों पर प्रकाश डाला और शोध प्रक्रिया के विभिन्न चरणों की ओर प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित किया जो कि एक शोधकर्ता शोध करते हुए अध्ययन करता है। जीएलए मैनेजमेंट विभाग की डॉ. दीपिका पंडोई ने एमएस एक्सेल का उपयोग कर प्रतिगमन और सहसंबंध पर अनुसंधान के विभिन्न उपकरणों और प्रशिक्षण के बारे में बताया।
प्रतिकुलपति प्रो.़ आनंद मोहन अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यक्रम में षिक्षकों को विशय विषेशज्ञों द्वारा जो विषेश जानकारी मिली है। इससे अध्ययनरत् छात्रों को लाभ मिलेगा। कार्यक्रम के अंत में समस्त संकाय सदस्यों ने इस कार्यक्रम को अपने अकादमिक शोध और पेपर लेखन के लिए बहुत उपयोगी पाया। प्रबंधन संकाय (यूजी) के विभागाध्यक्ष प्रो. सोमेष धमीजा ने सभी अतिथिगणों को धन्यवाद देते हुए एवं कार्यक्रम में अपनी उत्साही भागीदारी के लिए प्रतिभागियों का आभार जताया। एसोसिएट विभागाध्यक्ष प्रो. अरुणा धमीजा ने प्रतिभागियों को इस तरह के आयोजनों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया और प्रतिभागियों को फरवरी के महीने में आईबीएम द्वारा आयोजित होने जा रही आध्यात्मिकता पर आगामी एफडीपी के बारे में जानकारी भी प्रदान की।
इस कार्यक्रम में मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद से जेवा नसीम, एएमयू अलीगढ़ से फरहीना, आतिफ, जामिया हमदर्द विष्वविद्यालय से डाॅ. जमषेद, राजस्थान टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से ज्योति, षारदा यूनिवर्सिटी से आषीश सक्सेना, जेद्द्धा यूनिवर्सिटी से खुसरो चिस्ती, तीर्थांकर यूनिवर्सिटी से फरहा राषिद, डाॅ. जुबैर, केरला विष्वविद्यालय से डाॅ. गीता आदि ने भाग लिया।
कार्यक्रम का आयोजन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. त्रिलोक प्रताप सिंह चैहान के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में किया गया। इस अवसर पर बृजेश गोस्वामी, डॉ. मोहम्मद सारिम, डॉ. सुहैल अहमद खान और डॉ. पल्लवी डोगरा आदि का विषेश सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हिना कौसर ने किया।

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