मथुरा /आगरा /लखनऊ । विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आहवा्न पर जनपद मथुरा में सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के विरोध में हो रहे प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार आंदोलन के क्रम में जनपद मथुरा के समस्त विद्युत कर्मचारियों द्वारा सोमवार सुबह 10ः00 बजे से सांय काल 05ः00 बजे तक कार्य बहिष्कार आंदोलन सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। आदांलन पूर्ण जनपद में रहा व धन संग्रह इत्यादि कार्य नहीं किये गये। धन संग्रह (राजस्व) कक्ष भी पूर्ण रूपेण बंद रहें, अति-आवश्यक सेवाएँ जैसे अस्पताल एवं पेयजल की विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखा गया।
कैण्ट कार्यालय के प्रांगण में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति जनपद मथुरा के बैनर तले संघर्ष समिति ने विद्युत व्यवस्था में सकारात्मक सुधार के अपने संकल्प को दोहराते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि प्रबन्धन द्वारा तैयार किये जा रहे टकराव के वातावरण को समाप्त कर प्रदेश हित में तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण के फैसले का वापस लें।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अवगत कराया गया कि 05 अपै्रल 2018 को मा० ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जी के साथ हुए लिखित समझौते ‘‘उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार हेतु कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जाए। कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लिए बिना उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा।‘‘ का पालन करते हुए पूर्वाचंल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने हेतु मांग की।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा आंदोलन के समय विद्युत आपूर्ति सुचारू बनाये रखने हेतु विभिन्न पारेषण एवं वितरण उपकेन्द्रों पर प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों से तैनात किये गये गैर-तकनीकी कर्मचारियों से विद्युत आपूर्ति एवं सुरक्षा की व्यवस्था नहीं हो पा रही है एवं प्रशासन का यह निर्णय समझ से परे है। गैर तकनीकी कर्मियों के कार्य करने से विद्युत दुर्घटना की सम्भावना बनी रहेगी।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अवगत कराया है कि उत्तर प्रदेश ऊर्जा प्रबंधन की हठधर्मिता नीति के कारण उत्तर प्रदेश बिजली कर्मियों के कार्य बहिष्कार आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रीय स्तर पर एन0सी0सी0ओ0ओ0ई0ई0 की घोषणा के अनुसार आज दिनाक 05.10.2020 को पूरे देश में लगभग 15 लाख कर्मचारियों द्वारा विरोध सभाएँ की गयी।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण के नुकसान से अवगत कराते हुए कहा कि निजीकरण के पश्चात निम्न एवं मध्यम वर्ग एवं किसानों के परिवारों को सबसे अधिक नुकसान होगा, शिक्षा प्राप्त कर रहे देश की युवा पीढ़ी के लिए यह सरकार द्वारा श्राप जैसा है और उनका भविष्य खतरे में है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अवगत कराया कि प्रमुख सचिव (ऊर्जा)/अध्यक्ष ऊर्जा निगम से हुई 02 चक्रों की वार्ताएँ विफल होने पर संघर्ष समिति अपने निर्णय पर अडिग रहते हुए आन्दोलन को मजबूती से आगे जारी रखते हुए आज पूरे प्रदेश में सफल रूपी कार्य बहिष्कार किया गया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया गया तो यह आंदोलन इसी तरह आगे भी निरन्तर जारी रहेगा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति जनपद मथुरा के बैनर तले कार्य बहिष्कार आंदोलन की अध्यक्षता मोहन बाबू आर्य ने की,, सभा का संचालन रा0वि0प0जू0इं0 संगठन के जनपद अध्यक्ष इं प्रमोद कुमार द्वारा किया गया।
कार्य बहिष्कार आंदोलन में शामिल हुए अधिकारीगण
कार्य बहिष्कार आंदोलन में इं विनोद कुमार गंगवार, इं अजय गर्ग, इं प्रदीप खत्री इं सचिन शर्मा, इं वीरेन्द्र सिंह, इं एन.पी. सिंह, इं अशुल कुमार शर्मा, इं सचिन द्विवेदी, इं सुखबीर सिंह, इं समीक्षा गुप्ता, विजय कुमार, कृष्णवीर, इं गजेन्द्र सिंह, इं सुनील कुमार सिंह, इं सतेन्द्र कुमार मौर्य, इं राकेश कुमार यादव, इं धु्रव साहू, इं अजीत सिंह, इं अशोक यादव, इं उदित कुमार, एस.एन. अरोड़ा, मुकुल सक्सैना, राकेश निराला, रीतेश श्रीवास्तव, मनीष अग्रवाल, मोहित माथुर, राजीव कुमार तिवारी आदि संघर्ष समिति जनपद मथुरा के सदस्य मौजूद रहकर आंदोलन को सफल बनाया।