-संक्रमण को देख बिजली आपूति का ही कराया जाए कार्य, अन्य कार्य रखे जाएं स्थगित
-लागू किया जाए इलेक्टिसिटी एम्पलाइज प्रोटेक्शन एक्ट: वीपी सिंह
-21 वर्षों में ही 77 करोड़ का घाटा बढ़कर हो गया है 95 हजार करोड़
मथुरा। उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीपी सिंह ने कहा कि बिजली इंजीनियरों को कैश लैस मेडिकल सुविधा मिले। कोरोना में राजस्व वसूली को लेकर इंजीनियर-कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव न डाला जाए। पिछले एक सप्ताह में करीब 50 अधिकारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। उपचार को एडवांस धनराशि मिले। उत्पीड़न किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा
यह जानकारी प्रदेश अध्यक्ष वीपी सिंह ने हिन्दुस्तान को दी। वह वृंदावन स्थित ओमैक्स सिटी में अपने किसी व्यक्तिगत कार्य से आए हुए थे। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। कार्य के चलते बिजली अधिकारी एवं कर्मचारी इसकी चपेट में आने लगे हैं। प्रबंधन द्वारा समुचित उपाय नहीं किए जा रहे हैं। विभिन्न कार्यालय,बिजलीघरों एवं क्षेत्रों में उपभोक्ताओं से भी आमना-सामना हो रहा है। यह पता नहीं चलता कि कौन कोरोना मरीज है। इससे बिजली इंजीनियर-कर्मचारियों के अलावा उनके परिवार के सदस्य कोरोना को लेकर भयभीत हैं। इनके स्वास्थ्य को देखते हुए कैशलैस सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बीमारी की स्थिति में बिजली कर्मी पहले पैसे जमा कराता है फिर वह बिल जमा करता है। उसमें विभाग जांच में कटौती कर देता है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए इंजीनियरों एवं कर्मचारियों को अच्छे इलाज हेतु निजी चिकित्सालयों में इलाज हेतु डिस्कॉम से एडवांस भुगतान किया जाए जोकि रिकबरेवल न हो। प्रत्येक कार्यालय में कोविड हेल्प डेस्क बनवाई जाए,जिससे आसानी से कोरोना जांच हो सके। समस्त इंजीनियरों एवं कर्मचारियों को वर्क फ्राम होम दिया जाए तथा 50 प्रतिशत के रोस्टर के नियम का पालन हो। कार्यालय को सेनेटाइजेशन किया जाता रहे। कोरोना संक्रमण के चलते बिजली आपूर्ति का कार्य कराया जाए। संक्रमण की स्थिति सामान्य होने तक सभी कार्य स्थगित रखे जाएं। इंजीनियरों के बहुमूल्य जीवन की रक्षा के उद्देश्य से कैंप आदि कार्य के लिए अनावश्यक दबाव न डाला जाए। प्रबंधन द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहंी उठाया जा रहा है। यदि यही हाल रहा आने वाले दिनों में बिजली आपूर्ति भी सामान्य रखना मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि राजस्व वसूली एवं चेकिंग के दौरान अक्सर झगड़े होते रहते हैं। इसके लिए इलेक्टिसिटी एम्पलाइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।
उन्होंने बताया कि ऊ र्जा निगमों के उच्च प्रबन्धन पर अनुभवी बिजली विशेषज्ञों को तैनात किया जाए। गैर तकनीकी प्रबन्धन के कारण मात्र 21 वर्षों में ही 77 करोड़ का घाटा बढ़कर हो गया है 95 हजार करोड़। अब तक तैनात रहे प्रबन्धन का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। इसको लेकर एक पत्र पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को भेजा गया है।