मथुरा। किसी भी बुखार रोगी को डेंगू का मरीज घोषित करने पर पैथोलॉजी संचालकों पर कार्रवाई संभव है। किसी भी ज्वर रोगी को डेंगू का मरीज घोषित कर देने से जनसामान्य में अफवाह फैलती हैं और लोगों में भय व्याप्त हो जाता है। इसको लेकर आदेश जारी किए गए हैं। डेंगू मरीज की सूचना सीएमओ कार्यालय को देनी होगी। आईएमए सहित पैथोलॉजी संचालकों को पत्र भेजा गया है।
बदलते मौसम एवं बारिश के चलते बीमारी फैलने की संभावना बनी रहती है। जगह-जगह जलभराव एवं गंदगी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। डीएम पुलकित खरे एवं सीएमओ डा.एके वर्मा द्वारा इस बारे में निर्देशित किया है। जिला मलेरिया अधिकारी आरके सिंह ने आईएमए एवं पैथोलॉजी संचालकों को पत्र लिख सहयोग मांगा है। पत्र में कहा गया कि किसी भी ज्वर रोगी को डेंगू का मरीज घोषित कर देने से जनसामान्य में अफवाहें फैलने लगती हैं। तथा कम्युनिटी में भय व्याप्त हो जाता है तथा रोगी को भी नुकसान होने की संभावना होती है। रोगी की जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर तत्काल इसकी सूचना सीएमओ कार्यालय में आईडीएसपी यूनिट अथवा जिला मलेरिया अधिकारी को दी जाए। कहा गया कि प्लेटलेट्स का कम हो जाना डेंगू रोग होने की पुष्टि नहीं करता, सभी प्रकार के वायरल संक्रमण तथा अन्य बीमारियों में भी प्लेटलेट्स कम हो जाती है।
प्रयोगशाला जांच में परीक्षण एलाइजा विधि से ही किया जाय। आईजीएमएनएस 1 एंटीजन धनात्मक स्थिति में ही परिणाम कनफर्म माना जाय । यदि नर्सिंग होम तथा पैथोलोजी लैब में परीक्षण की सुविधाएं न हों तो निर्धारित केन्द्रों पर जांच कराएं। तभी डेंगू रोगी की पुष्टि की जाए। बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के रैपिड टैस्ट किटों से परीक्षण परिणाम उचित नही है। नगरीय मलेरिया अधिकारी एवं कंट्रोल रूम प्रभारी डा.भूदेव सिंह के अनुसार प्राइवेट चिकित्सकों से सहयोग मांगा जा रहा है।
इसका रखें ध्यान
–डेंगू एक गंभीर रोग है जो एडीज इजिप्टाई मच्छर के द्वारा फैलता है।
-इसका वायरस इन मच्छरों द्वारा एक प्रभावित रोगी से दूसरे स्वास्थ व्यक्ति में फैलता है।
-बुखार के साथ रोगी के शरीर में लाल दाने निकल आते हैं।
-मुंह, नाक, मल, मूत्र तथा योनि से रक्तस्राव होने लगता है। इसे डेंगू हीमोरेजिक बुखार कहते हैं।
—बिना किसी विश्वसनीय संस्थान से पुष्टि परीक्षण कराए डेंगू का रोगी घोषित कर जनसमुदाय में भय व आशंका का माहौल तैयार करना एपीडेमिक एक्ट के तहत एक गम्भीर अपराध है जो जनसमुदाय मे घबराहट पैदा कर मूल रोग के उन्मूलन से ध्यान हटा कर अराजकता उत्पन्न करता है। ऐसे किसी ज्वर के रोगी को जो अन्य किसी रोग यथा मलेरिया अथवा टाइफाइड से ग्रसित हो को सिर्फ कुछ लक्षणों के आधार पर डेंगू का मरीज घोषित करने पर उस नर्सिंग होम / पैथोलॉजी की जिम्मेदारी होगी। उसके विरूद्ध एपीडेमिक एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी। डेंगू एक गंभीर जनस्वास्थ्य समस्या है, आप सभी डेंगू रोग की रोकथाम में अपेक्षित सहयोग करें।
आरके सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय