विश्व तम्बाकू निषेध दिवस
मथुरा। आज भी चारों तरफ देखा जा सकता है अधिकतर लोग गुटखा, सिगरेट, शराब के अलावा शौक के नाम पर कोई न कोई नशा कर रहे हैं और अपने एवं परिवार के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। छोटे बच्चों के साथ-साथ युवा भी इसमें शामिल हैं। तम्बाकू एवं अन्य प्रकार के नशे की आदत ऐसे लोगों को बीमार बनी रही है। इसको छोड़ने के लिए इच्छा शक्ति मजबूत करनी होगी। तभी बीमारी से बचा जा सकता है।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर लोगों को प्रण करना होगा कि वह इसका प्रयोग नहीं करेंगे और ना ही किसी को करने देंगे। इसकी जगह पौष्टिक आहार लेंगे और स्वस्थ रहेंगे।
नशा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके बाद भी लोग गुटखा, तम्बाकू, सिगरेट, बीड़ी,शराब खरीद रहे हैं। युवा शौक-शौक में धुआं उड़ाने में लगे हुए हैं। छोटे-छोटे बच्चे भी इसका प्रयोग करने में पीछे नहीं हैं। महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं हैं। पौष्टिक आहार लेने की जगह इस नशे का प्रयोग बढ़ रहा है। जागरूक लोग जानते हैं कि इससे कैंसर, हार्ट की परेशानी हो सकती है फिर भी इसको ले रहे हैं। ऐसे लोगों को ना तो अपनी चिंता है और ना ही अपने परिवार की। आईएमए के सचिव डॉ.प्रवीन गोयल,पूर्व सचिव डॉ.आशीष गोपाल के अनुसार अधिकतर लोग जानकारी होने के बाद भी नशे का सेवन करने में लगे हुए हैं। इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। बीमारी का पता तब चलता है जब परेशानी अधिक होती है।
हड्डी में फ्रैक्चर होने पर जुड़ने में होती परेशानी
मथुरा। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.मंयक अग्रवाल एवं डॉ.हरेन्द्र सिंह के अनुसार लगातार तम्बाकू सेवन से हड्डी कमजोर होती हैं। फ्रैक्चर होने पर जुड़ने में परेशानी आती है। खून की नसें सिकुड़ जाती हैं। दवा के सेवन से बीमारी पर काबू पाया जा सक ता है।
प्रेग्नेंसी में परेशानी संभव
मथुरा। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.शालिनी अग्रवाल के अनुसार तम्बाकू के अधिक सेवन से प्रेग्नेंसी में परेशानी संभव है। आईएमए की पूर्व पदाधिकारी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वर्षा तिवारी, डॉ.आरती गुप्ता के अनुसार इसके अधिक सेवन से बच्चे कम वजन के होते हैं। गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ अन्य को भी इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए। डॉ.प्रीति वर्मा के अनुसार इसके प्रयोग से बचने को इच्छा शक्ति मजबूत करनी होगी।
आंखों पर भी पड़ता असर
मथुरा। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टर मुकेश जैन, डॉ.झूमी यादव के अनुसार नशे के प्रयोग से आंख की परदों की नसों में धीरे-धीरे खून का दौरा कम होने से नजर कम हो जाती है। इसका असर धीमे-धीमे असर पड़ता है। इसीलिए तम्बाकू सेवन न करें।
जनपद में ओरल कैंसर, तलब पर खाएं चुइंगम
मथुरा। दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. जयति उप्पल के अनुसार तम्बाकू का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचाता है। ओरल सब म्युकस फाइबरोसिस यानि मुहं का कम खुलना,नींद न आना, मुंह के अंदर सफेद धब्बे हो जाना एवं लगातार छाले होने की समस्या बन जाती है। इससे बचना चाहिए। डॉ.अभिषेक बालियान, डॉ.मोहित अग्रवाल, डॉ. वैभव अग्रवाल के अनुसार मुख कैंसर के 50 फीसदी मामले चबाने वाली तंबाकू के कारण होते हैं। तलब पर चुइंगम लें।
धूम्रपान करने से टीबी की संभावना होती तीन गुना
मथुरा। जिला क्षय रोग विभाग के समन्वयक आलोक तिवारी के अनुसार धू्रमपान करने से टीबी होने की संभावना दो से तीन गुना बढ़ जाती है। टीबी से ग्रसित मरीजों में बीमारी का असर और तीव्र हो जाता है। किसी भी प्रकार के नशे को आज ही ना बोलें।
-मुख एवं गले का कैंसर जनपद में अधिक देखने को मिलता है। युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आने लगे हैं जोकि चिंता का विषय है। समय रहते उपचार शुरू हो जाए तो बीमारी पर पूर्ण रूप से काबू पाया जा सकता है। ऑपरेशन, कीमोथैरेपी एवं सिकाई एवं दवा के माध्यम से कैंसर का उपचार होता है।
–डॉ. भावना शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर
डॉ. शीला शर्मा मैमोरियल कैंसर हॉस्पिटल
-लोगों को जागरूक करने के लिए जनहित में अभियान चलाया जाएगा। सभी चिकित्सकों से अपील की जा रही है कि वह ओपीडी या चिकित्सा संस्थानों में आने वाले मरीजों को जागरूक करें। नशे का प्रयोग न करने की अपील करें। यह हम सब की जिम्मेदारी है।
डॉ.गौरव भारद्वाज, उपाध्यक्ष
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
इसको अपनाएं
-अपने आसपास रखी तम्बाकू वाली चीजों को हटा दें
-तलब लगने पर धीरे-धीरे घूंट लगाकर पिएं पानी
-अपनी सामान्य दिनचर्या में बदलवाए लाएं
-तलब घटाने को सौंफ, मिश्री, लौंग, दालचीनी लें
-अच्छे मित्र बनाएं जो तम्बाकू छोड़ने को प्रेरित करें
-तम्बाकू छोड़ने के फैसले को बनाएं मजबूत
-स्पेशल चुइंगम से तलब कम हो जाती है।
सिगरेट से होने वाली हानियां
-गुर्दा का खराब होना
-उच्च रक्तचाप, हार्टअटैक
-निमोनिया, हड्डियां कमजोर पड़ना, नपुसंकता