मथुरा। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में एक बंद कमरे से गैस का रिसाव होने से अफरा-तफरी मंच गई। एएनएम का कोर्स कर रहे दो दर्जन छात्र छात्राएं इसकी चपेट में आ गए। दो की हालत गंभीर हो गई। उनको बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में करीब सात-आठ साल पहले एक कमरे में क्लोरीन से भरे सिलेंडर रख दिए गए थे। उसके बाद इस कमरे को खोला नहीं गया। आज सुबह करीब 11 बजे कमरे से अचानक गैस का रिसाव होने लगा। गैस रिसाव होते अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। यहां एएनएम का कोर्स करने के लिए आए छात्र रागिनी, शालिनी, कुसुम, जितेंद्र, सर्वेश, सोनल वर्मा, ज्योति, कविता और प्रियंका दो दर्जन छात्र छात्राएं गैस की चपेट में आ गए। दो छात्रों की हालत बिगड़ गई। वे बेहोश होकर वहीं गिर गए। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंच गई और कमरे को तोड़कर सिलेंडर को बाहर निकाला गया। कमरे दो सिलेंडर रखे हुए थे। एसीएमओ डॉक्टर भूदेव सिंह ने बताया, कमरा कई साल से बंद था और इसके अंदर दो सिलेंडर रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया ये क्लोरीन गैस है। जो पानी को साफ करने के लिए प्रयोग की जाती है। मगर, इसकी पुष्टि करने के लिए एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है।
पानी के प्लांट में लगा थे सिलेंडर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में एक पानी का प्लांट लगा हुआ। जो कई करीब आठ साल से खराब हो गया। इसके बाद इसको बंद कर दिया गया। मगर, इसमे लगे सिलेंडर की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया गया। पिछले दो दिन से गैस का रिसाव होने से दुर्गंध आ रही थी।