बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा, प्यार व अधिकार मिलेगा
महिला एवं बाल विकास विभाग ने तैयार किया मसौदा
अनाथ बच्चों की पात्रता से लेकर अन्य जरूरी शर्तों का मसौदा तय
अधिकारियों की जिम्मेदारी भी निर्धारित
मथुरा। महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय का कहना है कि कोविड मे जान गवाने वाले बच्चोंके लिए उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जिन बच्चों को लाभान्वित किया जाना है, उनकी श्रेणी तय कर दी गयी है।
योजना में शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे शामिल किये जायेंगेए जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड काल में हो गयी हो या
माता-पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गयी अथवा दोनों की मौत एक मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड काल में हो गयी।
मनोज कुमार राय का कहना है कि कोविड से मृत्यु के साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटी दृपीसीआर की पाजिटिव टेस्ट रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड-19 का इन्फेक्शन होना माना जा सकता है ।
जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हों और बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के तहत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गए हों, उनको कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेशित कराया जाएगा ।
11 से 18 साल के बच्चों की कक्षा-12 तक की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा । ऐसे वैध संरक्षक को विद्यालयों की तीन माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल हेतु प्रतिमाह 4000 की दर से 12000 रूपये प्रतिवर्ष खाते में दिए जायेंगे । यह राशि कक्षा-12 तक या 18 साल की उम्र जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जायेगी ।
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