मुख्य बिंदु
1– गुरू वृहस्पति के किसी पापी या क्रूर ग्रह की युति से फैलती है महामारी !
2– 11 अक्टूबर से 20 नवम्बर तक सर्वाधिक आपदा ग्रस्त समय !
3—- 20 नवम्बर के वाद होगी कोरोना की तीसरी लहर धीमी !
4—- लाकडाऊन मे जनता अथवा मजदूर वर्ग से सरकार के टकराव की स्थिति वनेगी !
5— पडौसी चीन की नीच हरकत होने की संभावना!~~~~~~
मथुुुरा। गोचर मे जैसे ग्रह योग वनते है उसी के प्रभाव से आपदा, महामारी, दुर्भिक्ष, और संपन्नता. सुख आदि इस संसार के लोगों को झेलनी पडती है! वर्तमान और आगे छः माह के ग्रह गोचर पर श्री कार्त्तवीर्य नक्षत्र ज्योतिष संस्थान् के संस्थापक आचार्य विनोद शास्त्री ने शोध कर वताया कि कुंभ राशि मे वैठे देवगुरु वृहस्पति वीते 20जून को वक्री ( उल्टी चाल) चलनी आरम्भ कर दी है ! देवगुरु वृहस्पति ने स्वराशिस्थ मकर मे वैठे शनि की ओर वढ रहे है चूकिः वर्तमान मे गुरू कुंभ राशि मे वैठे है जिसके स्वामी शनिदेव है गुरू का शनि की ओर वढना ही महामारी का संकेत है जो कि 14 सितंबर 2021 को शनि की स्वाराशिस्थ मकर राशि मे प्रवेश करेगे ! जव भी देवगुरु वृहस्पति किसी पापी अथवा क्रूर ग्रह से युति करते है तो आपदा आने का योग वनता है सितंबर माह मे देवगुरु वृहस्पति और शनि की युति विषयोग वनायेगी! 11 अक्टूबर 2021 को शनि देव मार्गी होगे जिसके कारण मकर राशि मे गुरू के और अधिक निकट आने की प्रक्रिया आरंभ होगी, जो 18 अक्टूबर को वृहस्पति के मार्गी होने तक चलेगी,! यही सात दिनो का समय कोरोना महामारी का सर्वाधिक खतरनाक समय होगा जिसमे कोरोना महामारी की तीसरी लहर डेल्टा का संक्रमण अधिक फैलने की आशंका है! 20 नवम्बर 2021 को देवगुरु वृहस्पति के राशि परिवर्तन के साथ तीसरी लहर धीमी होनी आरम्भ हो जायेगी!
इस दौरान राहू सूर्य के नक्षत्र कृत्तिका तथा केतु शनि के नक्षत्र अनुराधा मे होने के कारण लॉकडाऊन मे मजदूर वर्ग का कोई वडा आन्दोलन होने व टकराव होने के संकेत वन रहे है! 11 अक्टूबर को शनि मार्गी होने से पूर्व चीन द्वारा कोई सैन्य हरकत भारत भूमि पर करने के संकेत है ऐसे मे भारत को सावधान रहना होगा!