न कलम थी न कागज था, साहित्य और समाज का समागम था मुन्नालाल रावत
-ब्रजक्रांति के संपादक को अंतिम सलामहाथरस। विप्र समाज ने आज अपनी एक ढाल खोदी, पत्रकारिता का एक और स्तंभ ढह गया। पब्लिकेशन का एक पग डीलिट हो गया। समाज और साहित्यिक गलियारे की एक और शमा बुझ गई। एक शब्द को मानो कई वाक्यों मे कहने मतलब ही सिर्फ एक है कि समाज की एक […]
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