मथुरा। करीब 23 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर ने थाना सदर बाजार में पूर्व समाज कल्याण अधिकारी करूणेश त्रिपाठी के अलावा तीन विभागीय लिपिकों और 62 आईटीआई कालेज प्रबंधकां के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।
निजी आईटीआई कालेजों में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति (स्कॉलरशिप) के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा के जिला समाज कल्याण अधिकारी करूणेश त्रिपाठी को निलंबित कर दिया था। इसमें सीएम कार्यालय के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच समिति ने छानबीन की थी। जांच समिति ने अलग अलग तरीकों से छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के नाम पर करीब 23 करोड़ के गबन की बात पायी थी। यही नहीं विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत की भी पुष्टि हुई थी। इसी क्रम में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी करूणेश त्रिपाठी को निलंबित करते हुए रमाशंकर को नया समाज कल्याण अधिकारी बनाया गया था।
शुक्रवार को जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर ने थाना सागरबाजार में छात्रवृत्ति घोटाले में पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी करूणेश त्रिपाठी, नवीन महरोत्रा वरिष्ठ लिपिक, योगेष कुमार वरिष्ठ लिपिक, राहुल कुमार सहायक विकास अधिकारी और 62 आईटीआई कालेज प्रबंधकां के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2015-16 से लेकर 2019-20 तक फर्जी तरीके से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप लगाते हुए धारा 420, 409 और 468 में मुकदमा दर्ज कराया है।
इस तरह हुआ छात्रवृत्ति घोटाला
मान्यताविहीन शिक्षण संस्थानों में करीब 2 करोड़ 53 लाख की अनियमितताएं हुई थीं। जबकि 23 कालेजों में पांच हजार से अधिक छात्रों ने कोर्स ही पूरा नहीं किया और उन्हें करीब साढ़े 9 करोड़ की छात्रवृत्ति मिल गई। कई निजी आईटीआई कालेजों में स्वीकृत सीट के सापेक्ष करीब पांच हजार दाखिले कर लिए गए और उन्हे भी छात्रवृत्ति दिलाई गई। वहीं 38 कालेजों में 100 से अधिक समान नाम, पिता का नाम और समान जन्मतिथि वाले फर्जी छात्रों को भी शुल्क प्रतिपूर्ति कराई गई। यही नहीं फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर भी छात्रों के दाखिले करने और उन्हें छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति कराने का काम हुआ।