कोह की दर्द भरी दारतां: आगरा के अस्पताल में एक और बालक ने ली अंतिम सांस

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-गांव में मृतक संख्या 11 पहुंची

– क्षुब्ध ग्रामीण बैठे धरने पर

भरतलाल गोयल

फरह। गुरुवार को आगरा के अस्पताल में 12 वर्षीय बालक की मौत के बाद कोह के ग्रामीणों का दर्द बढ़ता जा रहा है। उनके सब्र का बांध गुरुवार को टूट गया।
लगातार हो रही मौतों से दहले ग्रामीणों का आक्रोश अधिकारीयों पर फूट पड़ा। सेंकड़ों ग्रामीण प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ धरने पर बैठ गए। पुलिस और अधिकारियों से भी ग्रामीणों की झड़प हुई। बाद में गोवर्धन विधायक ने आश्वासन देकर ग्रामीणों का अनशन तुड़वाया । गुरुवार को गांव के ही राजा पुत्र हरिश्चंद्र (12 वर्ष) ने आगरा के जीआर हॉस्पिटल में अंतिम साँस ली। मृतक बालक के पिता हरिश्चंद्र ने बताया कि बच्चे के पेट में दो दिन से दर्द था। फरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर ने दो टेबलेट दी थी। किन्तु इसके बाद भी बच्चे की तबीयत बिगड़ती चली गई तो उसे आगरा के अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां उसने गुरुवार तड़के प्राण त्याग दिए। 11 वीं मौत होने से गांव में सन्नाटा पसर गया। बच्चे का बोझिल मन से ग्रामीणों ने दाह संस्कार किया।

दाह -संस्कार के बाद ग्रामीण बैठे धरने पर

12 वर्षीय बच्चे के दाह संस्कार के बाद आक्रोशित ग्रामीण प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ धरने पर बैठ गए। उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। ग्रामीणों का कहना था कि गांव में धड़ाधड़ मौतें हो रही हैं। प्रशासन नीरो बनकर चेन की बंशी बजा रहा है। गांव में आज तक सुविधाओं की बहाली नहीं की गई। इलाज की समुचित व्यवस्था तक न हो सकीं। उन्होंने सीएमओ डॉ रचना गुप्ता का गांव पहुचने पर घेराव भी किया।
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सिपाहियों से हुई झड़प और तू तू- मैं मैं

उबाल खा रहे ग्रामीणों की पुलिस के सिपाहियों से जमकर तू तू मैं मैं हो गई। हुआ यू की जैसे ही बच्चे का शव अस्पताल से गांव पहुंचा तो पूरा गांव शोक में डूब गया। ग्रामीण विचार कर ही रहे थे कि मृतक बालक को दफनाए या अग्नि के सुपुर्द करें, इतने में गांव पहुंचे दो सिपाही इसी बात को लेकर ग्रामीणों से भिड़ गए। ग्रामीणों ने उनको दौड़ा दिया। बाद में और पुलिस फोर्स पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ।

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