बल्देव। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप की अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर उनके पूर्वज सत्यवादी हरिश्चन्द्र की सत्यवादिता पर आधारित भगतलीला (नौटंकी) ‘सत्यवादी महाराज हरिश्चन्द्र’ का मंचन अखिल भारतीय ब्रज संस्कृति केन्द्र, मथुरा (रजिस्टर्ड) के कलाकारों द्वारा सङ्गीत अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत वरिष्ठ लोकनाट्यविद आचार्य डॉ. खेमचन्द यदुवंशी शास्त्री के निर्देशन में किया गया। जिसमें पुत्तन मास्टर हाथरसी,आचार्य डॉ. के. सी. शास्त्री,चौधरी रामहेत सिंह,प्रद्युम्न यदुवंशी,चौधरी रुस्तम सिंह,सरिता सिंह, शाहनवाज खान,ऋतुराज यदुवंशी, श्रीमती चाँदनी,श्रीमती चाँद तारा आदि ने प्रमुख रूप से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
संगत कलाकार हीरा लाल,नितिन कुमार, बबलू सिंह ने लय-सुर और ताल का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। अध्यक्षता बल्देव के नगर पंचायत प्रमुख मुरारी लाल अग्रवाल द्वारा की गई।
इस अवसर पर लोकनाट्यविद डॉ. खेमचन्द यदुवंशी शास्त्री ने बताया कि “भगवान श्रीराम का जन्म ब्रह्मा जी की 39वीं पीढ़ी में रघुकुल में हुआ था जिसमें उनसे 10 पीढ़ी पूर्व महाराज सत्यव्रत के पुत्र हरिश्चन्द्र अपनी सत्यवादिता के लिए सुप्रसिद्ध थे। उन्होंने सत्य की रक्षार्थ राजऋषि विश्वामित्र के हाथों काशी में स्वयं को बेच दिया किन्तु अपने वचन से नहीं डिगे,इसीवंश में महाराज दिलीप हुए जिन्होंने एक पक्षी की रक्षार्थ अपना मांस काट कर बहेलिया रूपी इन्द्र को दान दे दिया था। आज श्रीराम के बाल स्वरूप की प्राण-प्रतिष्ठा हम सभी ब्रज वासियों के लिये भी गौरव की बात है क्योंकि ब्रज से श्रीराम का सीधा सम्बद्ध रहा है उनके अनुज शत्रुघ्न ने ब्रज को मधु पुत्र लवण से मुक्ति दिलाकर शांति स्थापित की थी।”
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रप्रताप सिकरवार द्वारा किया गया तथा ऋतुराज यदुवंशी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।