-ब्लड सैंपल की जांच में तीन प्रकार के बुखार से ग्रस्त मरीज निकले
-ब्लड में स्क्रब टाइफस, डेंगू और मलेरिया के लक्षण मिले
सीएमओ ऑफिस में कंट्रोल रूम खुला, आगरा व मथुरा में भर्ती मरीज लौटने लगे
मथुरा। गांव कोंह के लिए अब राहत भरी खबर है। प. दीनदयाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरह क्षेत्र के इस गांव में एक महीने में फैले तीन प्रकार के बुखार से आठ बालकों की मौत हुई हैं। यह निष्कर्ष ग्रामीणों के ब्लड सैंपल की जांच रिपोर्ट से निकला है। हालांकि 26 मरीज अभी भी आगरा, फरह व मथुरा के अस्पतालों में भर्ती हैं। उम्मीद है अगले 48 घंटे में सभी स्वस्थ होकर अपने-अपने घर पहुंच जाएंगे।
फिलहाल गांव कोंह में फैली बीमारी पर नियंत्रण के लिए सीएमओ आफिस में नियंत्रण कक्ष स्थापित कराया गया है। इसके प्रभारी डा. भूदेव सिंह बनाए गए हैं। ग्रामीण जिस बुखार से पीड़ित मिले हैं, वह बुखार तीन प्रकार के हैं। इनमें 26 मरीज स्क्रब टाइफस वायरल के निकले हैं जबकि 40 को डेंगू निकला है। 7 ग्रामीणों के सामान्य मलेरिया पाया गया है।
प. दीन दयाल उपाध्याय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र प्रभारी डा पारुल मित्तल के अनुसार गांव में स्थिति नियंत्रण मंर है। फरह स्वास्थ्य केंद्र की टीम के अलावा लखनऊ से आयी टीम गांव में मौजूद है। जो ग्रामीण भर्ती हैं, वे सभी शास्त्रीपुरम आगरा के केयर अस्पताल व जिला अस्पताल मथुरा में हैं। दो चार प्राइवेट अस्पताल में भी है। लगातार वे स्वस्थ हो रहे हैं और गांव में लौट रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी आर के सिंह ने टीम लगा कर लगातार मच्छर नाशक दवा का छिड़काव करवाया है। कोरोना के भी सैंपल लिए गए हैं। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल और सीएमओ डॉ रचना गुप्ता भी गांव में लगातार ग्रामीणों का हाल चाल जानने को पहुंच रहे हैं।
ग्राम पंचायत स्वास्थ्य विभाग को दे रही सहयोग
फरह। ग्राम कोंह के प्रधान हरेन्द्र सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत लगातार ही स्वास्थ्य विभाग को ब्लड सैंपल लिए जाने, सफाई व फोगिंग में सहयोग दे रही है। प्रधान ने बताया कि बीमार लोग अब ठीक होकर घर लौट रहे हैं। अगले 48 घंटे में अनेक ग्रामीण आगरा व मथुरा के अस्पतालों से घर आ जाएंगे। पिछले 24 घंटे में चार पांच ग्रामीण लौट आए हैं।
पूर्व ग्राम प्रधान लक्खो का कहना है कि बहुत से ग्रामीण निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं। उनके गैंव के लोग संचारी रोगों से बचने के तरीके चिकित्सकों से समझ रहे हैं। ग्रामीण राजाराम का कहना है कि जैसे ही लोग बीमार हुए थे, उसी समय सभी के खून की जांच हो जाती तो ये स्थिति नहीं आती।
स्क्रब टाइफस बुखार के लक्षण
-स्क्रब टायफस नाम का एक बुखार होता है
-ये बुखार एक जीवाणु जनित संक्रमण से फैलता है
-ये पूर्व में एमपी और राजस्थान में फैलता रहा है
-इस बुखार के वैक्टीरिया डेंगू से भी ज्यादा तेजी से फैलते हैं
-ये माइट नामक कीड़ा के काटने से भी फैलता है
-इस बुखार में पांचवे दिन उल्टी दस्त दाने निकलते हैं.
-यह चिकनी चिकनगुनिया जैसे लक्षणों वाला बुखार है
आसपास के तीन और गांवों पर नजर
फरह। प्रभावित गांव कोंह के समीपवर्ती गांव पिपरौठ, मिर्जापुर व नगला मलिकपुर में भी स्वास्थ्य विभाग ने ब्लड सैंपल लिए हैं। उन गांवों के लोगों की सैंपल जांच मिल गयी है। गनीमत है कि वहां बुखार के लक्षण नहीं मिले हैं।